लुधियाना (The News Air) खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह फरार होने के 36 दिन बाद सरेंडर करना चाहता था। हालांकि पंजाब पुलिस को इनपुट मिला था कि उसके सरेंडर और भीड़ जुटने से माहौल बिगड़ सकता है इसलिए उसे आनन-फानन में सुबह 6.45 बजे ही गिरफ्तार कर लिया गया। मोगा से पुलिस उसे सीधे बठिंडा ले गई और वहां से स्पेशल फ्लाइट में असम की डिब्रूगढ़ जेल के लिए रवाना कर दिया गया। सबके मन में सवाल है कि अमृतपाल की गिरफ्तारी से ठीक पहले क्या हुआ? वह कौन सा किरदार है, जिसके जरिए अमृतपाल ने सरेंडर की बात की। इस खबर में इन्हीं सवालों के जवाब जानिए….
पहले पढ़िए.. वह किरदार, जिसके जरिए सरेंडर करने आया
अमृतपाल ने सरेंडर करने के लिए अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे से संपर्क किया। जसबीर रोडे मोगा जिले के रोडे गांव से ताल्लुक रखते हैं और जरनैल सिंह भिंडरांवाला के भतीजे हैं। भिंडरांवाला का गांव रोडे ही है। अमृतपाल ने रोडे से कहा कि वह सरेंडर करना चाहता है।
सूत्रों के मुताबिक रोडे ने सबसे पहले सेंट्रल एजेंसियों से संपर्क करने की कोशिश की। जब वहां से रिस्पांस नहीं मिला तो पंजाब पुलिस से तालमेल किया गया। पुलिस अफसरों के साथ बातचीत में तय हुआ कि अमृतपाल रविवार को रोडे गांव में ही सरेंडर करेगा। सूत्रों के मुताबिक पुलिस से पॉजिटिव रिस्पांस मिलने के बाद जसबीर रोडे ने अमृतपाल से रात में ही गांव पहुंचने के लिए कहा। इसके बाद अमृतपाल रात में ही रोडे गांव पहुंच गया। इसके बाद तय प्लान के मुताबिक सरेंडर के लिए दिन निकलने का इंतजार किया जाने लगा। अमृतपाल की प्लानिंग थी कि वह रविवार दोपहर में समर्थकों की भीड़ के बीच सरेंडर करेगा।
रोडे गांव से अमृतपाल को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस की टीम।
माहौल बिगड़ने की आशंका बनी तो सुबह ही पहुंच गई पुलिस
सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल के सरेंडर का प्लान फाइनल होने के बाद इंटेलिजेंस विंग को इनपुट मिला कि अगर अमृतपाल को भीड़ के बीच सरेंडर करने का मौका दिया गया तो माहौल बिगड़ सकता है। उसके समर्थक बवाल कर सकते हैं। इस इनपुट के बाद पंजाब पुलिस के आला अधिकारी हरकत में आ गए और रविवार अलसुबह ही रोडे गांव के आसपास पुलिस फोर्स इकट्ठा कर ली गई।
सुबह 6 बजे सीनियर अफसर भी रोडे गांव के बाहर पहुंच गए और यह कन्फर्म होते ही कि अमृतपाल गांव में ही है, पूरे गांव को घेर लिया गया। इसके बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस के कुछ अफसर सादी वर्दी में गांव के अंदर दाखिल हुए।
अमृतपाल को रोडे गांव में बने इसी गुरुद्वारा संत खालसा से पकड़ा गया। यह गुरुद्वारा उसी जगह बना है जहां जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था।
पुलिस को देख पाठ करने लगा अमृतपाल
सुबह 6 बजे के आसपास अमृतपाल को भी पता चल गया कि पुलिस सरेंडर का मौका नहीं देते हुए उसे सीधे अरेस्ट करने जा रही है। उसे पता था कि उस पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) का केस लगा है इसलिए उसे सीधे असम भेज दिया जाएगा।
जसबीर सिंह रोडे बताते हैं कि सुबह अमृतपाल ने खुद अपनी किट तैयार की। चोला बदला। चप्पल पहनी। जरूरी सामान रखा और रोडे गांव के संत खालसा गुरुद्वारे की तरफ चला गया। रोडे गांव में जिस जगह जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था, उसी जगह को संत खालसा गुरुद्वारे में तब्दील किया गया है। गुरुद्वारे पहुंचने के बाद अमृतपाल ने जरनैल सिंह भिंडरांवाला की फोटो के सामने बैठकर पाठ शुरू कर दिया। उसके बाद वहीं से उसने संगत को संबोधित भी किया। अमृतपाल ने गुरुद्वारे के लाउडस्पीकर से कहा कि उसकी गिरफ्तारी कभी भी की जा सकती है। उसने उन सभी लोगों का धन्यवाद किया जिन्होंने उसका पिछले महीनेभर में साथ दिया था।
इस दौरान पंजाब पुलिस के अधिकारी गुरुद्वारे के बाहर इंतजार करते रहे।
रोडे गांव में बने संत खालसा गुरुद्वारे में जरनैल सिंह भिंडरांवाला की तस्वीर के सामने बैठा अमृतपाल।
पंजाब पुलिस के IG हेडक्वार्टर डॉ. एसएस गिल ने चंडीगढ़ में मीडिया को बताया कि अमृतपाल को पकड़ने के लिए पुलिस ने पूरे गांव को घेर लिया था। जब पुलिस को अमृतपाल के गुरुद्वारे में होने का पता चला तो पुलिस अफसर सादी वर्दी में वहां पहुंचे। सुबह 6.45 बजे अमृतपाल के गुरुद्वारे से बाहर आने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक जिस वक्त अमृतपाल गुरुद्वारे के अंदर पाठ कर रहा था और लोगों को संबोधित कर रहा था, उस वक्त पुलिस के अधिकारी बाहर खड़े थे। गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा की वजह से वह उसे पकड़ने के लिए अंदर नहीं गए।
अमृतपाल की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते IG डॉ. सुखचैन सिंह गिल।
अमृतपाल की गिरफ्तारी या सरेंडर, जसबीर रोडे ने क्या कहा…
अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जसबीर सिंह रोडे ने कहा कि अमृतपाल सिंह शनिवार रात को रोडे गांव में आए थे। मुझे पुलिस से पता लगा कि वह आज गिरफ्तारी दे रहे हैं, गिरफ्तारी से पहले मैं उनसे मिला। अमृतपाल ने मुझसे कहा कि वह गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के बाद संगत को संबोधित करेंगे। खुद ही संगत को पूरे हालात के बारे में बताएंगे और मर्जी से गिरफ्तारी देने की बात कहूंगा। 18 मार्च को फरार होने के बाद 36 दिनों तक गिरफ्तारी न देने के क्या कारण रहे, यह भी खुद बताऊंगा।
रोडे के अनुसार, सुबह अमृतपाल ने गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका, पाठ किया। फिर अपनी किट तैयार की। चोला और परना पहना। चप्पलें ली। तैयारी के बाद वह गुरुद्वारे गए। वहां लोगों को गिरफ्तारी में देरी का कारण बताया और उसके बाद बाहर निकलकर गिरफ्तारी दी।
रोडे ने कहा कि अमृतपाल को गिरफ्तार करने जैसी कोई बात नहीं है, उन्होंने खुद सरेंडर किया है। अगर पुलिस पकड़ती तो फिर वह संगत को संबोधित कैसे करते?।
अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे। जसबीर सिंह रोडे जरनैल सिंह भिंडरांवाला के भतीजे हैं।