शिवसेना(यूबीटी) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद भी कश्मीर घाटी में हिंसा जारी है और वहां कोई शांति नहीं है। संपादकीय में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री अपने राजनीतिक कार्य (कर्नाटक विधानसभा चुनाव) में व्यस्त हैं और आतंकवादियों ने इसका फायदा उठाया तथा जम्मू कश्मीर में सेना के वाहन पर बम फेंका।”
जम्मू कश्मीर के पुंछ में बृहस्पतिवार को एक आतंकी हमले के बाद सेना के वाहन में आग लगने से पांच जवान शहीद हो गए तथा एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की भाषा बोलते हैं और जब चीन की बात आती है तब वह गौतम बुद्ध के अहिंसा के उपदेशों को याद करते हैं।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए संपादकीय में कहा गया है कि आतंकवादियों ने ऐसे वक्त में हमला करने का दुस्साहस किया जब देश में ‘‘मजबूत प्रधानमंत्री और गृह मंत्री” हैं, इसलिए कुछ तो गलत है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय एजेंसियां मोदी-शाह के हथियार हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि आतंकवादी उनसे डरते नहीं हैं। (एजेंसी)