फरीदकोट/मोहाली (The News Air) पंजाब के मोहाली जिले में उत्तर प्रदेश की जेल में बंद गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली मामले में आरोप तय हो गए हैं, लेकिन 3 महीने बाद भी मुकदमा शुरू नहीं हुआ है। 5 बार सुनवाई टाली जा चुकी है।
बांदा जेल अधीक्षक को भेजी गई आदेशों की प्रति
अंसारी के वकील ने दावा किया है कि जेल उन्हें पावर ऑफ अटॉर्नी पर हस्ताक्षर करने की अनुमति नहीं दे रहा है। अदालत ने मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए जेल अधीक्षक को आदेशों की अनुपालन सुनिश्चित करने और अंसारी को 26 अप्रैल 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने चेतावनी दी है कि गैर-अनुपालन को गंभीरता से लिया जाएगा, क्योंकि यह अभियुक्त का बचाव करने का अधिकार है।
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विनीत कुमार नारंग ने आदेश में कहा कि आदेश का पालन नहीं करने को गंभीरता से लिया जाएगा, क्योंकि अपने बचाव को प्रभावी ढंग से रखने के लिए वकील के माध्यम से अपने मामले की रक्षा करना आरोपी का अधिकार है। यह भी निर्देश दिया है कि आरोपी को सुनवाई की अगली तारीख 26 अप्रैल को जेल अधिकारियों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से पेश किया जाए।
2019 में बिल्डर ने दर्ज कराया था केस
इस साल की शुरुआत में 25 जनवरी को मोहाली की अदालत ने मोहाली के मटौर पुलिस थाने में 2019 में दर्ज जबरन वसूली के मामले में अंसारी को बरी करने की अर्जी खारिज कर दी थी। कोर्ट ने माना था कि आरोपी मुख्तार अंसारी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। 2019 में मोहाली में एक बिल्डर ने अंसारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसे गैंगस्टर का फोन आया था, जिसने उससे 10 करोड़ रुपए की मांग की थी।
इसके बाद पुलिस अंसारी को उत्तर प्रदेश की जेल से प्रोडक्शन वारंट पर ले आई। 10 मार्च 2021 को मोहाली पुलिस ने अंसारी को 17 फरवरी और 3 मार्च को पेश नहीं किया। अदालत ने जेल अधिकारियों को वकील को अंसारी से पावर ऑफ अटॉर्नी पर हस्ताक्षर कराने की अनुमति देने का निर्देश दिया, लेकिन अभी तक निर्देश नहीं दिया गया, जिस कारण अंसारी की मोहाली कोर्ट में पेशी नहीं हो पाई।