अबोहर (The News Air) पंजाब के अबोहर में गुरुवार को विधायक संदीप जाखड़ ने अपने साथियों समेत मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सीएम को ज्ञापन सौंपा। विधायक ने बताया कि गेहूं, कपास और अब किन्नू फल के उत्पादन में अग्रणी स्थान रखने वाले इस क्षेत्र में लंबे अरसे से प्रति एक हजार एकड़ भूमि के लिए मात्र 3 क्यूसिक पानी निर्धारित है। भूमिगत पानी फसल उत्पादन के लिए उपयोगी ना होने के कारण अब किसान केवल नहरी पानी पर निर्भर हैं।
इनकी खुशहाली के लिए यह जरूरी है कि प्रति हजार एकड़ के लिए पानी का आवंटन तीन क्यूसिक से बढ़ाकर 7 क्यूसिक किया जाए। साथ ही नहरी पानी को औद्योगिक इकाइयों के गंदे पानी से मुक्ति दिलाई जाए। क्योंकि ये न केवल फसलों बल्कि शहरी व ग्रामीण आबादी के लिए भी घातक सिद्ध हो रहा है।
जाखड़ ने कहा कि अबोहर शहर का आबादी के लिहाज से निरंतर विस्तार हो रहा है, लेकिन वर्तमान वाटर वर्कस की भंडार क्षमता बढ़ाने का मामला पिछले लंबे समय से लटक रहा है। सीवरेज व वाटर सप्लाई बोर्ड को जल आपूर्ति के नवीनीकरण के लिए आवश्यक साधन जुटाए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार और कृषि विश्वविद्यालय किसानों को फसलों के विविधीकरण का उपदेश तो देते हैं, लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि पिछले 2 वर्षों में प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण किन्नू के बागों में 90 प्रतिशत तक फल का नुकसान हुआ है। जिसकी क्षतिपूर्ति के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए। इसी तरह अबोहर कपास की एशिया भर में बहुत बड़ी मंडी माना जाता था, लेकिन औद्योगिक इकाइयों को सुविधाएं ना दिए जाने के कारण यह इलाका इस मामले में भी पिछड़ गया है। न केवल किसान बल्कि खेतीहर मजदूर भी प्रभावित हो रहे हैं।
शहरी विकास की चर्चा करते हुए ज्ञापन में कहा गया है कि 2019 में अबोहर नगर पालिका को निगम का दर्जा दिया गया, लेकिन जुलाई 2022 के बाद स्थाई आयुक्त की कुर्सी खाली रहने के कारण विकास और आय के साधनों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। नगर के विकास को देखते हुए आयुक्त की स्थाई नियुक्ति शीघ्र की जानी चाहिए।