चण्डीगढ़, 21 मई,
पंजाब के मोगा के पास गुरुवार रात दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायुसेना के मिग-21 लड़ाकू विमान के पायलट को हादसे का अंदेशा पहले ही हो गया था। पायलट अभिनव चौधरी ने गुरुवार को राजस्थान के सूरतगढ़ एयर बेस से पंजाब के जगरांव के पास पड़ते सिद्धवां खुर्द रेंज के लिए उड़ान भरी थी। इसके बाद शाम को प्रेक्टिस के लिए गए पायलट चौधरी ने सिद्धवां खुर्द रेंज से वापस सूरतगढ़ के लिए उड़ान भरी। मोगा के गांव लंगियाना खुर्द के पास आकर उन्हें लगा कि कुछ गड़बड़ है। उन्हें अंदेशा होने लगा कि शायद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा। इसके बाद पायलट चौधरी ने उड़ते विमान से छलांग लगा दी। कुछ ही देर बाद उनका विमान खेतों में जाकर गिरा और उसमें आग लग गई। हादसे की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने रेस्क्यू शुरू किया तो पायलट का कहीं कुछ पता नहीं चल रहा था। इसके बाद पुलिस ने अलग अलग टीमें बनाकर पायलट चौधरी की तलाश शुरू की। करीब चार घंटे बाद हादसास्थल से लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पर पायलट चौधरी का शव मिला।
ऊंचाई से गिरने के कारण उनकी गर्दन टूट गई थी। इसी कारण उनकी मौत हो गई। एसपी हेड क्वार्टर गुरदीप सिंह ने बताया कि जहाज गांव लंगियाना खुर्द के घरों से 500 मीटर की दूरी पर खेतों में जा गिरा। जिससे कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ।
लंगियाना के पास एक जहाज दुर्घटनाग्रस्त होने का कंट्रोल रूम से मैसेज प्राप्त हुआ था। मोगा के एसएसपी हरमनबीर सिंह गिल और पुलिस के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और पायलट को ढूंढने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया।
ग्रामीणों के अनुसार, विमान जमीन के अंदर करीब पांच फुट तक धंस गया था। करीब सौ फुट तक विमान के टुकड़े फैले थे। आग लगने से आगे का पूरा हिस्सा जल चुका था। उन्हें विमान के पिछले हिस्से को देखकर पता चला कि यह वायुसेना का विमान है।
वहीं पुलिस के अनुसार, मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू में दिक्कत आई। आग लगने के कारण चारों तरफ धुआं फैला था और दूर दूर तक विमान के टुकड़े पड़े थे। इसी कारण पायलट को ढूंढने में देरी हुई।