The News Air- 1993 के दिल्ली बम धमाकों में फांसी की सज़ा पाने वाले प्रोफेसर दविंदर सिंह भुल्लर आज जेल से रिहा हो सकते हैं। मार्च 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने भुल्लर की मानसिक स्थिति को देखते हुए सज़ा ए मौत को उम्रकैद में बदल दिया था। भुल्लर तिहाड़ जेल के कैदी हैं लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्हें अमृतसर जेल में रखा गया है।
प्रो. भुल्लर की रिहाई का मुद्दा हाल ही में संपन्न हुए भी ख़ूब उठा। जिसमें दिल्ली की अरविंद केजरीवाल वाली आम आदमी पार्टी सरकार विरोधियों के निशाने पर रही। अकाली दल और भाजपा ने आम आदमी पार्टी को इस मुद्दे पर जमकर घेरा था। हालांकि आप इसका ज़िम्मा केंद्र सरकार पर डालती रही।
भाजपा नेता सिरसा ने दी जानकारी
भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा ने ट्वीट किया कि दविंदर भुल्लर को आज जेल से रिहा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भुल्लर उन 8 सिख कैदियों में शामिल थे, जिन्हें नरेंद्र मोदी सरकार ने 11 अक्टूबर 2019 को श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर रिहा करने करने का फ़ैसला किया था। हालांकि केजरीवाल सरकार ने अपनी राजनीतिक मज़बूरियों की वजह से उन्हें नहीं छोड़ा। सिरसा ने कहा कि आज सेंटेस रिव्यू कमेटी की मीटिंग है। उसमें रिहाई के लिए दविंदरपाल भुल्लर का भी नाम है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में लोगों ने केजरीवाल और भगवंत मान से सवाल पूछे तो उन्हें इस संबंध में फ़ैसला लेने को मजबूर होना पड़ा।
उम्रकैद की सज़ा पूरी हो चुकी
प्रोफेसर दविंदरपाल सिंह भुल्लर के ख़िलाफ़ कई संगीन धाराओं के साथ टाडा एक्ट का केस दर्ज़ हुआ था। इस मामले में फांसी के बाद उन्हें उम्रकैद की सज़ा हुई। हालांकि अब तक वह 24 साल की क़ैद काट चुके हैं। इसके बावज़ूद उनकी रिहाई नहीं हुई तो सिख संगठनों की तरफ़ से इसकी मांग की जा रही थी।