रिपोर्ट के अनुसार, जौहरी ने कहा है कि CBIC एक महीने के भीतर अपना आंतरिक मूल्यांकन पूरा कर लेगा, फिर इसे जीएसटी लॉ कमीटी और बाद में काउंसिल में पेश किया जाएगा, जहां इसके ऊपर आखिरी फैसला लिया जाएगा।
जॉहरी ने अपने बयान में कहा “अगर मैं क्रिप्टो एसेट की सप्लाई या खरीद कर रहा हूं या क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करके माइनिंग कर रहा हूं या गुड्स या सर्विस की पेमेंट के लिए इसे एक्सचेंज के रूप में इस्तेमाल कर रहा हूं, तो जीएसटी के तहत इसे कैसे रखा जाएगा? इसके लिए कुछ और विचार-विमर्श और जांच की जरूरत है। हमें उम्मीद है कि इसका हल एक महीने में निकाल लिया जाएगा।”
Business Standard के पूछे जाने पर कि ऐसी सर्विस और ट्रांजेक्शन पर क्या रेट लागू हो सकता है, CBIC के अध्यक्ष ने कहा “यह थोड़ा काल्पनिक है। लेकिन अगर यह एक सर्विस है, अगर इन लेनदेन को आईटी सर्विस के प्रावधान के रूप में माना जाता है, तो सामान्य टैक्स ब्रैकेट 18 प्रतिशत है।”
रिपोर्ट कहती है कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक की तारीख की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन यह मार्च में हो सकती है।