PM Modi on Attack on Russian Presidential Residence – रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच एक बेहद चिंताजनक खबर सामने आई है। रूस के राष्ट्रपति आवास (क्रेमलिन) को निशाना बनाए जाने की रिपोर्टों ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। इस गंभीर घटनाक्रम पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और शांति के रास्ते पर चलने की अपील की है, ताकि तनाव और न बढ़े।
Deeply concerned by reports of the targeting of the residence of the President of the Russian Federation. Ongoing diplomatic efforts offer the most viable path toward ending hostilities and achieving peace. We urge all concerned to remain focused on these efforts and to avoid any…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 30, 2025
पीएम मोदी का शांति संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, “रूस के राष्ट्रपति आवास को निशाना बनाए जाने की खबरों से हम बेहद चिंतित हैं।” पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया पहले ही युद्ध की विभीषिका झेल रही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।
‘राजनयिक प्रयास ही एकमात्र रास्ता’
अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने एक बार फिर ‘शांति और कूटनीति’ (Peace and Diplomacy) की वकालत की। उन्होंने जोर देकर कहा, “वर्तमान में जारी राजनयिक प्रयास शत्रुता को समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने का सबसे कारगर मार्ग हैं।” मोदी ने यह स्पष्ट किया कि बातचीत की मेज पर ही युद्ध खत्म हो सकता है, बम और बारूद से नहीं।
सभी पक्षों से आग्रह: प्रयासों को कमजोर न करें
प्रधानमंत्री ने परोक्ष रूप से उन ताकतों को भी चेतावनी दी जो शांति प्रक्रिया में बाधा डाल सकती हैं। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से आग्रह किया कि वे वर्तमान में चल रहे शांति प्रयासों पर अपना ध्यान केंद्रित रखें। साथ ही, उन्होंने कहा कि “ऐसे किसी भी कार्य से बचें जो इन प्रयासों को कमजोर कर सकता है।” यह बयान भारत की उस नीति के अनुरूप है जो हमेशा से युद्ध की बजाय संवाद का समर्थन करती आई है।
विश्लेषण: भारत का संतुलित और मजबूत रुख (Expert Analysis)
रूस के राष्ट्रपति आवास पर हमले की कोशिश, अगर सच है, तो यह युद्ध को एक खतरनाक मोड़ पर ले जा सकती है। ऐसे में पीएम मोदी का बयान बहुत अहम है। भारत दुनिया की उन गिनी-चुनी आवाजों में से है जो दोनों पक्षों (रूस और पश्चिम) से बात कर सकता है। पीएम मोदी का यह कहना कि ‘राजनयिक प्रयास ही सबसे बेहतर मार्ग हैं’, यह दर्शाता है कि भारत वैश्विक शांतिदूत (Global Peacemaker) की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। यह बयान न केवल रूस के साथ भारत की पुरानी दोस्ती को ध्यान में रखता है, बल्कि वैश्विक स्थिरता की चिंता भी करता है। क्रेमलिन पर हमला ‘रेड लाइन’ पार करने जैसा हो सकता है, इसलिए भारत ने तुरंत अपनी चिंता जाहिर कर स्थिति को संभालने की कोशिश की है।
आम दुनिया पर असर (Human Impact)
अगर यह तनाव और बढ़ता है, तो इसका असर सिर्फ रूस या यूरोप तक सीमित नहीं रहेगा। पूरी दुनिया को महंगाई, ऊर्जा संकट और अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। एक आम नागरिक के लिए यह खबर डराने वाली है क्योंकि बड़े देशों के बीच संघर्ष का सीधा असर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता है। इसलिए, पीएम मोदी की शांति की अपील हर उस इंसान के लिए राहत की बात है जो युद्ध नहीं चाहता।
जानें पूरा मामला (Background)
30 दिसंबर 2025 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आधिकारिक आवास (क्रेमलिन) को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने की खबरें आईं। हालांकि हमले की विस्तृत जानकारी और नुकसान का ब्यौरा अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हड़कंप मचा दिया है। भारत ने हमेशा से इस संघर्ष में तटस्थ रहते हुए शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है।
मुख्य बातें (Key Points)
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PM Narendra Modi ने रूस के राष्ट्रपति आवास पर हमले की खबरों पर चिंता जताई।
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पीएम ने कहा कि Diplomatic Efforts (राजनयिक प्रयास) ही शांति का सबसे अच्छा रास्ता हैं।
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सभी पक्षों से आग्रह किया गया कि वे शांति प्रक्रिया को Undermine (कमजोर) न करें।
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यह बयान 30 दिसंबर 2025 को पीआईबी दिल्ली द्वारा जारी किया गया।
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भारत ने एक बार फिर युद्ध की जगह Dialogue (संवाद) का समर्थन किया है।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न






