EPFO PF Withdrawal Rules : अगर आप एक सैलरीड कर्मचारी हैं और हर महीने आपकी सैलरी से प्रॉविडेंट फंड (PF) कटता है, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ निकालने के नियमों में बड़े और अहम बदलाव कर दिए हैं। ये बदलाव सीधे तौर पर आपकी जेब और रिटायरमेंट की प्लानिंग पर असर डालेंगे। EPFO ने अपने नए डिजिटल सिस्टम ‘EPFO 3.0’ के तहत इन नियमों को लागू किया है।
नौकरी छूटने पर अब तुरंत मिलेगा पैसा
सबसे बड़ा बदलाव नौकरी छूटने के बाद पीएफ निकालने के नियम में हुआ है। पहले नियम था कि नौकरी जाने के एक महीने बाद आप 75% और दो महीने बाद पूरा 100% पीएफ निकाल सकते थे।
लेकिन अब नए नियम के मुताबिक, नौकरी छूटते ही आप तुरंत अपने पीएफ का 75% हिस्सा निकाल सकते हैं। इसके लिए आपको किसी भी महीने का इंतजार नहीं करना होगा। हालांकि, पूरा 100% पैसा निकालने के लिए अब आपको लगातार 12 महीने बेरोजगार रहना होगा। EPFO का मानना है कि इससे लोग अपना पूरा पीएफ एक साथ खर्च नहीं करेंगे और रिटायरमेंट के लिए कुछ पैसा बचा रहेगा।
पेंशन के लिए अब 3 साल का लंबा इंतजार
पेंशन से जुड़े नियमों को और सख्त कर दिया गया है। पहले नौकरी छूटने के 2 महीने बाद ही पेंशन का पैसा निकाला जा सकता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। नए नियमों के अनुसार, पेंशन की रकम निकालने के लिए आपको कम से कम 3 साल (36 महीने) तक बेरोजगार रहना जरूरी होगा। EPFO का कहना है कि पेंशन रिटायरमेंट की सुरक्षा है और इसे जल्दी खत्म होने से बचाना जरूरी है।
मेडिकल और इमरजेंसी के लिए क्या नियम हैं?
महामारी या गंभीर बीमारी की स्थिति में EPFO ने कोई बदलाव नहीं किया है। कोरोना जैसी इमरजेंसी या बड़ी मेडिकल जरूरत के लिए पुराने नियम ही लागू रहेंगे। यानी कर्मचारी 3 महीने की सैलरी या पीएफ का 75%, जो भी कम हो, निकाल सकता है।
हालांकि, सामान्य मेडिकल जरूरतों के लिए पीएफ निकालने से पहले अब कम से कम 12 महीने की नौकरी पूरी करनी होगी। यही शर्त प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़, भूकंप आदि) के समय पैसा निकालने पर भी लागू होगी।
पढ़ाई और शादी के लिए नियम हुए आसान
शिक्षा और शादी के लिए पीएफ निकासी के नियमों में बड़ी राहत दी गई है:
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शिक्षा (Education): अब कर्मचारी अपनी या बच्चों की पढ़ाई के लिए पीएफ से 10 बार तक पैसा निकाल सकेगा।
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शादी (Marriage): शादी के खर्च के लिए अब 5 बार तक पीएफ निकालने की अनुमति होगी।
पहले इन मामलों में कई तरह की सीमाएं थीं, जिन्हें अब हटा दिया गया है।
घर खरीदने और कंपनी बंद होने पर
अगर आपकी कंपनी बंद हो जाती है या लॉकआउट हो जाता है, तो आप अपने कुल पीएफ का 75% निकाल सकते हैं, लेकिन 25% पैसा खाते में रखना जरूरी होगा ताकि अकाउंट एक्टिव रहे। वहीं, घर, फ्लैट या प्लॉट खरीदने के लिए आंशिक पीएफ निकासी के लिए अब सिर्फ 12 महीने की नौकरी होना काफी है। हाउसिंग लोन चुकाने की सुविधा पहले जैसी ही रहेगी, बस प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और तेज कर दिया जाएगा।
आम आदमी पर असर (Human Impact)
इन नए नियमों का मिला-जुला असर होगा। नौकरी छूटने पर तुरंत 75% पीएफ मिलने से लोगों को फौरी तौर पर बड़ी आर्थिक मदद मिलेगी। लेकिन पेंशन और पूरा पीएफ निकालने के लिए लंबी बेरोजगारी की शर्त कई लोगों के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है। इसका सीधा मतलब है कि अब आपको अपने पीएफ के पैसे को रिटायरमेंट तक बचाकर रखने की आदत डालनी होगी।
मुख्य बातें (Key Points)
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नौकरी छूटते ही अब तुरंत 75% PF निकाला जा सकता है।
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पूरा 100% PF निकालने के लिए 12 महीने की बेरोजगारी जरूरी है।
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पेंशन का पैसा निकालने के लिए अब 3 साल (36 महीने) का इंतजार करना होगा।
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पढ़ाई के लिए 10 बार और शादी के लिए 5 बार PF निकाला जा सकता है।
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मेडिकल और प्राकृतिक आपदा के लिए 12 महीने की नौकरी की शर्त जोड़ी गई है।






