Trump Class Warship : समंदर में अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए अमेरिका ने अब तक का सबसे बड़ा दांव खेल दिया है। राष्ट्रपति Donald Trump ने एक ऐसे ‘Battleship’ प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जो दुनिया के किसी भी मौजूदा जंगी जहाज से 100 गुना ज्यादा ताकतवर होगा। यह खबर न सिर्फ दुश्मन देशों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि नौसेना के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत भी है।
आज पूरी दुनिया में समंदर की लहरों पर राज करने की होड़ मची हुई है। एक तरफ चीन अपने युद्धपोतों के जरिए महासागरों पर कब्जा जमाना चाहता है, तो दूसरी तरफ रूस और भारत भी लगातार अपनी नौसैनिक ताकत बढ़ा रहे हैं। इस रेस में सबसे आगे निकलने के लिए अमेरिका ने एक बेहद आक्रामक फैसला लिया है। अमेरिका एक ऐसा खतरनाक युद्धपोत बनाने जा रहा है, जो दुनिया में सबसे अलग और विनाशक होगा। राष्ट्रपति Trump ने खुद इस महाविनाशक जहाज के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिसे ‘Trump Class Warship’ के नाम से जाना जाएगा।
गोल्डन फ्लीट और ‘ट्रंप क्लास’ का ऐलान
अमेरिकी राष्ट्रपति ने नौसेना की ‘Golden Fleet’ को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने इस नए प्रोजेक्ट को ‘Battleship’ नाम दिया है। राष्ट्रपति के मुताबिक, ये नए जहाज अब तक बने किसी भी युद्धपोत की तुलना में ज्यादा बड़े, ज्यादा तेज और 100 गुना अधिक शक्तिशाली होंगे। योजना के मुताबिक, अमेरिकी नौसेना शुरुआत में ऐसे दो युद्धपोतों का निर्माण करेगी। इसके सफल होने के बाद 20 से 25 और ऐसे ही विनाशक जहाज बनाए जाएंगे। इन जहाजों का मुख्य मकसद दुनिया भर में अमेरिका के दुश्मनों के मन में खौफ पैदा करना है।
100 गुना ज्यादा ताकत और विनाशक हथियार
आखिर इस Trump Class Warship में ऐसा क्या खास है जो इसे दुनिया का सबसे खतरनाक जहाज बनाता है? इसमें सबसे बड़ी तोपें लगाई जाएंगी और यह जहाज परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) और क्रूज मिसाइलों से पूरी तरह लैस होगा। पहले जहाज का नाम ‘USSA Defiant’ रखा जाएगा। इतना ही नहीं, यह युद्धपोत Hypersonic Missiles और Rail Gun जैसी आधुनिक तकनीकों से भी सुसज्जित होगा। आज के दौर की सबसे बड़ी जरूरत यानी Artificial Intelligence (AI) का भी इसमें भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा, जो इसे युद्ध के मैदान में अजेय बनाएगा।
डिजाइन में खुद ट्रंप निभाएंगे भूमिका
राष्ट्रपति Trump की नौसेना के जहाजों के डिजाइन में हमेशा से व्यक्तिगत रुचि रही है। उन्होंने साफ किया है कि नए जहाजों के डिजाइन में वे खुद अहम भूमिका निभाएंगे और अमेरिकी नौसेना उनके साथ मिलकर इसका नेतृत्व करेगी। यह घोषणा करते समय उनके साथ रक्षा सचिव Pete Hegseth और विदेश सचिव Marco Rubio भी मौजूद थे। इससे पहले अमेरिका के सबसे बड़े युद्धपोत Iowa श्रेणी के रहे हैं, जिनका वजन 600 टन हुआ करता था, लेकिन उन्हें 1990 के दशक में सेवामुक्त कर दिया गया था। अब अमेरिका पुरानी गलतियों को सुधारते हुए, नौसेना में हो रही देरी और लागत की समस्याओं को खत्म कर नए सिरे से शुरुआत कर रहा है।
चीन और वेनेजुएला पर सीधा निशाना
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब कैरेबियाई सागर में अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव चरम पर है। वाशिंगटन ने हाल ही में वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बढ़ाया है और उनके तेल टैंकरों को निशाना बनाया है। अमेरिका का मकसद वेनेजुएला के तेल निर्यात को रोकना है। वहीं, दूसरी और सबसे बड़ी वजह चीन है। चीन जिस तेजी से समुद्र में अपनी ताकत बढ़ा रहा है, उसे रोकने के लिए अमेरिका को एक बड़ी छलांग लगाने की जरूरत थी। अमेरिकी जानकारों का मानना है कि चीन एक बड़ी सैन्य चुनौती बन चुका है, और उसका मुकाबला करने के लिए Trump Class Warship जैसे विशाल और शक्तिशाली जहाजों का होना बेहद जरूरी है।
क्या है पृष्ठभूमि
अमेरिका पिछले कुछ समय से अपनी नौसैनिक परियोजनाओं में देरी और बढ़ते खर्च का सामना कर रहा था। हाल ही में नौसेना ने एक छोटे युद्धपोत की योजना को रद्द भी कर दिया था। ऐसे में, Trump Class Warship का यह प्रोजेक्ट अमेरिकी नौसेना में नई जान फूंकने की कोशिश है। इसका सीधा असर आम अमेरिकी की सुरक्षा और वैश्विक स्तर पर अमेरिका के दबदबे पर पड़ेगा। जब समंदर में अमेरिका की यह ‘फ्लोटिंग सिटी’ चलेगी, तो यकीनन दुनिया की भू-राजनीति (Geopolitics) में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
मुख्य बातें (Key Points)
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अमेरिका Trump Class नाम से दुनिया का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत बनाएगा।
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यह नया जहाज मौजूदा युद्धपोतों से 100 गुना ज्यादा ताकतवर और AI से लैस होगा।
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पहले जहाज का नाम USSA Defiant रखा जाएगा, जिसमें Hypersonic Missiles और Rail Gun होंगी।
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शुरुआत में 2 जहाज बनेंगे, बाद में 20-25 और जहाजों का निर्माण होगा।
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इसका मकसद चीन की बढ़ती ताकत को रोकना और वेनेजुएला पर दबाव बनाना है।






