PM Modi New House Features: देश की राजधानी नई दिल्ली के दिल यानी सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नया आधिकारिक आवास तैयार हो रहा है। राष्ट्रपति भवन के बिल्कुल करीब और हाई सिक्योरिटी जोन में बन रहा यह नया घर सिर्फ ईंट-गारे की इमारत नहीं, बल्कि ‘नए भारत’ की उस सोच का प्रतीक है, जहां आधुनिक तकनीक और भारतीय परंपराएं एक साथ कदमताल करती नजर आती हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री के इस नए आवास को उनके कार्य-जीवन (Work-Life) और निजी जीवन के संतुलन को ध्यान में रखकर बेहद बारीकी से डिजाइन किया गया है। यह आवास सिर्फ रहने की जगह नहीं, बल्कि एक ‘फंक्शनल गवर्नेंस स्पेस’ के तौर पर विकसित किया जा रहा है, जहां से देश के सबसे महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।
‘300 से 500 करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत’
इस वीवीआईपी (VVIP) प्रोजेक्ट की लागत को लेकर जो अनुमान सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, इस नए आवास के निर्माण पर करीब 300 से 500 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। इस बजट में केवल मुख्य इमारत ही नहीं, बल्कि सुरक्षा तंत्र, इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी सिस्टम, ग्रीन एनर्जी, स्टाफ क्वार्टर्स और एक मजबूत कम्युनिकेशन नेटवर्क भी शामिल है। इसे वीवीआईपी श्रेणी में इसलिए रखा गया है क्योंकि यहां से आपातकालीन स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े फैसले, हाई-लेवल मीटिंग्स और विदेशी मेहमानों के साथ संवाद भी सुरक्षित तरीके से किया जा सकेगा।
‘ड्रोन डिटेक्शन और अंडरग्राउंड रास्ता’
पीएम मोदी के नए घर की सुरक्षा व्यवस्था किसी किले से कम नहीं होगी। यह पूरा इलाका पहले से ही एसपीजी (SPG) और मल्टी-लेयर सिक्योरिटी जोन में आता है, लेकिन नए घर में भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसमें बुलेट प्रूफ स्ट्रक्चर, किसी भी खतरे से बचने के लिए ‘अंडरग्राउंड मूवमेंट कॉरिडोर’, दुश्मन के ड्रोन को पहचानने वाला ‘ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम’ और एआई (AI) बेस्ड सर्विलांस शामिल है। इसके अलावा, एक ‘जीरो एंट्री बफर जोन’ भी बनाया गया है, जो इसे अभेद बनाता है।
‘योग के लिए खास जगह और सस्टेनेबल मॉडल’
इस आवास की खासियत इसका डिजाइन है, जो भारतीय वास्तुकला और आधुनिकता का संगम है। इसमें सोलर एनर्जी और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। घर के अंदर प्राकृतिक रोशनी और हवा (वेंटिलेशन) का पूरा ख्याल रखा गया है। साथ ही, भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखते हुए योग और ध्यान (Meditation) के लिए एक विशेष स्थान भी निर्धारित किया गया है। यह आवास केवल लक्जरी नहीं, बल्कि एक ‘सस्टेनेबल गवर्नेंस मॉडल’ को दर्शाता है।
विश्लेषण: एक इमारत या भविष्य की जरूरत? (Analysis)
एक वरिष्ठ संपादक के नजरिए से देखें तो इस नए आवास को लेकर चल रहा विवाद और जरूरत दोनों ही अपनी जगह अहम हैं। विपक्ष का तर्क है कि महंगाई और बेरोजगारी के दौर में इतना खर्च क्यों? लेकिन, हमें यह भी समझना होगा कि यह आवास किसी व्यक्ति विशेष (नरेंद्र मोदी) का निजी घर नहीं, बल्कि भारत के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास है। पुराने लुटियंस बंगले आधुनिक सुरक्षा मानकों और ‘सेंट्रलाइज्ड गवर्नेंस’ की जरूरतों को पूरा करने में अक्षम साबित हो रहे थे। भविष्य के प्रधानमंत्रियों के लिए एक स्थाई, सुरक्षित और तकनीक से लैस इंफ्रास्ट्रक्चर का होना देश की रणनीतिक आवश्यकता भी है, जिससे आपात स्थितियों में निर्णय क्षमता तेज हो सके।
‘जानें पूरा मामला’
पीएम मोदी के इस नए घर में शिफ्ट होने की तारीख को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, निर्माण और कड़े सुरक्षा ऑडिट के बाद साल 2026 में प्रधानमंत्री यहां शिफ्ट हो सकते हैं। हालांकि, अंतिम फैसला सुरक्षा एजेंसियों की हरी झंडी के बाद ही लिया जाएगा। सरकार का स्पष्ट कहना है कि यह खर्च व्यक्तिगत नहीं, बल्कि संवैधानिक पद की गरिमा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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पीएम मोदी का नया आवास राष्ट्रपति भवन के पास हाई सिक्योरिटी जोन में बन रहा है।
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प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 300 से 500 करोड़ रुपये के बीच बताई जा रही है।
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सुरक्षा के लिए एआई सर्विलांस, ड्रोन डिटेक्शन और अंडरग्राउंड कॉरिडोर मौजूद रहेंगे।
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2026 में सुरक्षा ऑडिट पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री के शिफ्ट होने की संभावना है।






