PM Modi Bengal Rally News पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेगा रैली शनिवार को मौसम की मार का शिकार हो गई। घने कोहरे के कारण पीएम मोदी का हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर सका, जिसके चलते वे शारीरिक रूप से सभा स्थल पर नहीं पहुंच पाए। लेकिन पीएम मोदी ने तकनीक का सहारा लिया और मोबाइल फोन के जरिए राणाघाट की रैली को संबोधित करते हुए ममता सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “टीएमसी को मोदी का विरोध करना है तो 100 बार करे, लेकिन बंगाल के विकास को न रोके।”
रैली से पहले हादसा, पीएम ने जताया दुख
अपने संबोधन की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने क्षमा मांगते हुए मौसम की खराबी का जिक्र किया। साथ ही, उन्होंने एक दुखद खबर भी साझा की। रैली में आते समय भाजपा कार्यकर्ताओं की एक रेल हादसे में मृत्यु हो गई। पीएम ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा, “दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवारों के साथ हैं।”
“बिहार ने रास्ता दिखाया, अब बंगाल की बारी”
पीएम मोदी ने हालिया बिहार चुनाव के नतीजों का जिक्र करते हुए बंगाल में भी बदलाव की हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि बिहार ने ‘जंगल राज’ को नकार कर एनडीए को प्रचंड बहुमत दिया है। “गंगा जी बिहार से बहते हुए बंगाल पहुंचती हैं, तो बिहार ने बंगाल में भी भाजपा की विजय का रास्ता बना दिया है,” पीएम मोदी ने कहा। उन्होंने बंगाल में चल रहे शासन को ‘महा जंगल राज’ करार दिया और नारा दिया- “बाजते चाई, बीजेपी ताई” (बचना है तो बीजेपी चाहिए)।
घुसपैठियों पर वार: ‘गो बैक मोदी’ नहीं, ‘गो बैक घुसपैठिए’ कहो
अपने भाषण में पीएम मोदी ने घुसपैठ के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने टीएमसी पर तुष्टिकरण और घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मैंने सोशल मीडिया पर देखा कि कुछ लोगों ने ‘गो बैक मोदी’ के पोस्टर लगाए हैं। अच्छा होता अगर बंगाल की हर गली में ‘गो बैक घुसपैठिए’ लिखा जाता।” पीएम ने आरोप लगाया कि टीएमसी को घुसपैठिये प्यारे लगते हैं, इसलिए वे वोटर लिस्ट सुधार (SIR) का भी विरोध कर रहे हैं।
विकास के प्रोजेक्ट्स और ‘कट मनी’ का कल्चर
भले ही पीएम रैली में नहीं पहुंच पाए, लेकिन उन्होंने बंगाल को विकास की सौगात देने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने 3200 करोड़ रुपये की नेशनल हाईवे परियोजनाओं का जिक्र किया, जिससे कोलकाता और सिलीगुड़ी के बीच की दूरी 2 घंटे कम हो जाएगी। पीएम ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पास पैसे और योजनाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन बंगाल में ‘कट और कमीशन’ वाली सरकार विकास के प्रोजेक्ट्स को अटका रही है।
विश्लेषण: फोन कॉल से साधा सियासी समीकरण
पीएम मोदी का यह संबोधन सिर्फ एक भाषण नहीं, बल्कि बंगाल की नब्ज पर हाथ रखने जैसा था। हेलीकॉप्टर न उतर पाने की ‘बाधा’ को भी उन्होंने एक अवसर में बदल दिया और फोन से ही जनता से भावनात्मक जुड़ाव बनाया। ‘वंदे मातरम’ के 150 साल और बंकिम चंद्र चटर्जी का जिक्र करके उन्होंने बंगाल की सांस्कृतिक अस्मिता (Bengali Pride) को छूने की कोशिश की। साथ ही, त्रिपुरा का उदाहरण देकर उन्होंने लेफ्ट और टीएमसी, दोनों को एक ही सिक्के के दो पहलू बताकर जनता को ‘डबल इंजन’ सरकार का विकल्प दिया। यह भाषण आगामी चुनावों के लिए बीजेपी का एजेंडा सेट करता है—विकास, राष्ट्रवाद और घुसपैठ मुक्त बंगाल।
जानें पूरा मामला
शनिवार को पीएम मोदी को नादिया में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करना था और कई परियोजनाओं का शिलान्यास करना था। खराब विजिबिलिटी के कारण उनका हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर पाया और वापस कोलकाता लौट गया। इसके बाद उन्होंने फोन लाइन के जरिए रैली को संबोधित किया और बंगाल की जनता से बीजेपी को एक मौका देने की अपील की।
मुख्य बातें (Key Points)
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फोन से संबोधन: खराब मौसम के कारण पीएम मोदी ने मोबाइल फोन से राणाघाट रैली को संबोधित किया।
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टीएमसी पर वार: पीएम ने कहा, “मोदी का विरोध करो, पर बंगाल के विकास और जनता के सपनों को मत कुचलो।”
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नया नारा: पीएम ने बंगाल के लिए नया नारा दिया- “बाजते चाई, बीजेपी ताई”।
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घुसपैठ मुद्दा: ‘गो बैक मोदी’ के पोस्टरों पर पलटवार करते हुए पीएम ने ‘गो बैक घुसपैठिए’ का नारा बुलंद किया।
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विकास की सौगात: 3200 करोड़ की हाईवे परियोजनाओं से कोलकाता-सिलीगुड़ी कनेक्टिविटी होगी बेहतर।






