Tobacco Infertility Research :अगर आप भी तंबाकू या सिगरेट के शौकीन हैं, तो यह खबर आपके पैरों तले जमीन खिसका सकती है। अब तक हम तंबाकू को सिर्फ Cancer और Heart Attack का दुश्मन मानते थे, लेकिन एम्स भोपाल की एक नई Research ने साबित कर दिया है कि यह आपकी पिता बनने की क्षमता को भी हमेशा के लिए छीन सकता है। यह कोई सुनी-सुनाई बात नहीं, बल्कि मुर्दाघर में हुए एक वैज्ञानिक अध्ययन का ठोस नतीजा है।
खतरे की घंटी: पुरुषों के लिए चेतावनी
अक्सर लोग तंबाकू के पैकेट पर बनी डरावनी तस्वीरों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन एम्स भोपाल से आई यह Report बेहद गंभीर है। एम्स ने अपने अध्ययन में यह साफ कर दिया है कि तंबाकू का सेवन सीधे तौर पर पुरुषों के Sperm (शुक्राणुओं) को कमजोर कर रहा है।
जितना ज्यादा आप तंबाकू का सेवन करेंगे, नुकसान उतना ही गहरा होगा। यह शोध बताता है कि तंबाकू सिर्फ फेफड़े नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी खत्म कर रहा है। पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर तंबाकू के इस हमले ने चिकित्सा जगत में हड़कंप मचा दिया है।
57 शवों पर किया गया अनोखा अध्ययन
यह Research अपने आप में बेहद अनोखी है क्योंकि यह जीवित लोगों पर नहीं, बल्कि मृत शरीरों पर की गई है। एम्स भोपाल ने Post-mortem आधारित एक अध्ययन किया, जिसे वैज्ञानिक रूप से बहुत भरोसेमंद माना जा रहा है।
इस Research में 18 से 55 साल की उम्र के 57 मृत पुरुषों को शामिल किया गया था। इनमें से 28 पुरुष ऐसे थे जो तंबाकू का सेवन करते थे, जबकि 29 पुरुष ऐसे थे जिन्होंने कभी तंबाकू को हाथ नहीं लगाया था। WHO 2021 के मानकों के आधार पर इनके Sperm की जांच की गई।
शुक्राणुओं की क्वालिटी पर सीधा वार
जांच के नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे। तंबाकू खाने वाले पुरुषों में Sperm Vitality (शुक्राणुओं की जीवित रहने की क्षमता) साफ तौर पर कम पाई गई। इसके अलावा Sperm Motility (गतिशीलता) में भी गिरावट दर्ज की गई।
अध्ययन में यह बात सामने आई कि जैसे-जैसे तंबाकू की मात्रा और सेवन के साल बढ़ते गए, Sperm की गुणवत्ता उतनी ही तेजी से गिरती चली गई। यानी अगर आप लंबे समय से तंबाकू ले रहे हैं, तो जोखिम कई गुना ज्यादा है।
बांझपन का असली कारण और सामाजिक भ्रम
इस खबर का आम आदमी पर बहुत गहरा असर है। आज दुनिया भर में करीब 15% दांपत्य Infertility (बांझपन) से जूझ रहे हैं। इनमें से 50% मामलों में कमी पुरुषों में होती है, लेकिन हमारे समाज में इसका ठीकरा अक्सर महिलाओं के सिर फोड़ दिया जाता है।
डॉक्टरों का मानना है कि आज की खराब Lifestyle, तंबाकू, शराब और Stress पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं। अच्छी खबर यह है कि तंबाकू एक ऐसी आदत है जिसे समय रहते छोड़ा जा सकता है और इस खतरे को टाला जा सकता है।
जिंदा लोगों की बजाय शवों पर क्यों हुई रिसर्च?
आप सोच रहे होंगे कि यह अध्ययन Post-mortem के दौरान क्यों किया गया? दरअसल, जीवित लोगों पर अध्ययन करते समय दवाइयां, बीमारी या Sample में गड़बड़ी जैसे कई कारण नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं।
लेकिन Post-mortem आधारित अध्ययन में ये भ्रम पैदा करने वाले कारण बहुत कम हो जाते हैं। इससे तंबाकू के लंबे समय तक शरीर पर पड़ने वाले असली असर का एकदम सटीक पता चलता है। यही वजह है कि इस Research को वैज्ञानिक जगत में इतना महत्व दिया जा रहा है।
एम्स के डॉक्टर को मिला राष्ट्रीय सम्मान
एम्स भोपाल के Department of Forensic Medicine & Toxicology के प्रोफेसर डॉ. राघवेंद्र कुमार विदुआ को इस महत्वपूर्ण शोध के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में हुए Indian Society of Toxicology के 21वें राष्ट्रीय सम्मेलन (Toxicon-21) में उन्हें ‘डॉ. आंद्रे बेस्ट फैकल्टी प्रेजेंटेशन अवार्ड’ से नवाजा गया। यह शोध ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) द्वारा फंडेड प्रोजेक्ट का हिस्सा था।
मुख्य बातें (Key Points)
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एम्स भोपाल ने 57 मृत पुरुषों पर Post-mortem आधारित Research की।
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तंबाकू सेवन करने वालों में Sperm Vitality और Motility काफी कम पाई गई।
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दुनिया में 15% कपल्स Infertility के शिकार हैं, जिनमें 50% कारण पुरुष हैं।
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यह Research पूरी तरह से ICMR Project का हिस्सा थी।






