AIIMS Study on Sudden Deaths: पिछले कुछ समय से देश भर में युवाओं की अचानक मौत की खबरें सुर्खियों में रही हैं। कहीं कोई डांस करते हुए गिर पड़ा, तो कहीं जिम में एक्सरसाइज करते वक्त किसी की सांसें थम गईं। इन घटनाओं ने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया था और कई लोग इसका सीधा संबंध कोविड-19 वैक्सीन से जोड़ रहे थे।
लेकिन अब देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स (AIIMS) ने अपनी एक नई रिसर्च रिपोर्ट जारी कर इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है। एम्स की इस स्टडी ने साफ कर दिया है कि युवाओं में अचानक हो रही मौतों का कोरोना वैक्सीन से कोई लेना-देना नहीं है।
‘वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित’
एम्स द्वारा की गई इस स्टडी को ‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ (IJMR) में प्रकाशित किया गया है। स्टडी का शीर्षक था- “युवा वयस्कों में अचानक मौत का बोझ”। इसमें 18 से 45 साल के युवाओं में अचानक होने वाली मौतों की गहराई से जांच की गई।
शोधकर्ताओं ने पाया कि वैक्सीन लेने वाले और न लेने वाले लोगों के बीच मौत के आंकड़ों में कोई खास अंतर नहीं था। स्टडी में शामिल लगभग 80% मृतकों ने वैक्सीन ली थी और उन्हें कोविड संक्रमण भी हुआ था, लेकिन जांच में वैक्सीन और मौत के बीच कोई ‘सांख्यिकीय संबंध’ (Statistical Relation) नहीं मिला। एम्स ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है।
असली वजह: कोरोनरी आर्टरी डिजीज और खराब लाइफस्टाइल
अगर वैक्सीन वजह नहीं है, तो फिर युवा दिल दगा क्यों दे रहे हैं? एम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अचानक मौतों का सबसे बड़ा कारण ‘कोरोनरी आर्टरी डिजीज’ (Coronary Artery Disease) और दिल से जुड़ी अन्य समस्याएं (Cardiovascular System) हैं।
साधारण शब्दों में कहें तो आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान, तनाव और खराब लाइफस्टाइल ही युवाओं के दिल को कमजोर बना रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सांस से जुड़ी समस्याओं और बिना किसी स्पष्ट कारण के होने वाली मौतों पर अभी और रिसर्च की जरूरत है।
एक साल तक चली गहन जांच
यह स्टडी एक साल तक चली, जिसमें एम्स के टर्शरी केयर सेंटर में आए मामलों का विश्लेषण किया गया। इसमें वर्बल ऑटोप्सी, कन्वेंशनल ऑटोप्सी, पोस्टमॉर्टम इमेजिंग और हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच जैसे वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया गया। विशेषज्ञों की एक मल्टीडिसीप्लिनरी टीम ने हर पहलू से जांच करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।
आम जनता के लिए संदेश
इस रिपोर्ट का सबसे बड़ा असर यह होगा कि लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर बैठा डर खत्म होगा। यह रिपोर्ट एक चेतावनी भी है कि हमें अपनी जीवनशैली सुधारने की सख्त जरूरत है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव मुक्त जीवन ही अचानक होने वाली इन मौतों से बचा सकता है।
‘जानें पूरा मामला’
कोविड महामारी के बाद से ही सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो और दावे वायरल हो रहे थे कि वैक्सीन की वजह से खून के थक्के (Blood Clots) जम रहे हैं, जिससे हार्ट अटैक आ रहे हैं। इस भ्रामक जानकारी ने कई लोगों को डरा दिया था। एम्स की यह रिपोर्ट अब वैज्ञानिक तथ्यों के साथ इस झूठ का पर्दाफाश करती है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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एम्स का खुलासा: युवाओं में अचानक मौत का कोविड वैक्सीन से कोई संबंध नहीं।
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असली कारण: खराब लाइफस्टाइल और कोरोनरी आर्टरी डिजीज मौत की मुख्य वजहें हैं।
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वैज्ञानिक जांच: ऑटोप्सी और पैथोलॉजिकल जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की गई।
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सुरक्षित वैक्सीन: रिपोर्ट में कोविड-19 वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताया गया।
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चेतावनी: अनियमित खानपान और तनाव से बचने की सलाह दी गई है।






