Mexico Import Tariff लगाने की खबर ने भारतीय व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। अमेरिका (United States) के बाद अब उसके पड़ोसी देश मेक्सिको ने भारत पर एक बड़ा आर्थिक प्रहार करते हुए 50% तक Tariff लगाने का ऐलान कर दिया है। मेक्सिको की सेनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद नई दिल्ली ने भी सख्त तेवर दिखाते हुए जवाबी कार्यवाही के संकेत दिए हैं।
10,463 प्रोडक्ट्स पर बढ़ेगा टैक्स
मेक्सिको की संसद के ऊपरी सदन यानी Senate ने 10 दिसंबर को एक अहम फैसला सुनाया, जिसने व्यापार के पूरे खेल को बदल कर रख दिया है। इस नए कानून के मुताबिक, जिन देशों के साथ मेक्सिको का Free Trade Agreement (FTA) नहीं है, उनसे आने वाले सामान पर अब भारी-भरकम Import Tariff वसूला जाएगा। इस लिस्ट में भारत, चीन और ब्राजील जैसे कई एशियाई देश शामिल हैं। यह नया नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होने जा रहा है। इसके तहत कुल 10,463 तरह के Products पर टैक्स बढ़ाया जाएगा। हालांकि, सभी पर सीधे 50% टैक्स नहीं लगेगा, बल्कि यह एक रेंज में होगा जो 5% से शुरू होकर 50% तक जाएगा। लेकिन, ज्यादातर सामान पर करीब 35% Tariff लगने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।
कौन से सेक्टर्स होंगे प्रभावित?
मेक्सिको के इस फैसले का सीधा असर भारतीय Exporters पर पड़ने वाला है। जिन सेक्टर्स पर इस बढ़े हुए टैक्स की मार पड़ेगी, उनमें Auto Parts, हल्के वाहन, प्लास्टिक, खिलौने, Garments, फर्नीचर, जूते, कपड़े, एलुमिनियम और कांच जैसे उद्योग शामिल हैं। मेक्सिको सरकार का तर्क है कि यह कदम उनकी Local Industry को बढ़ावा देने और व्यापार असंतुलन (Trade Imbalance) को कम करने के लिए उठाया गया है। अधिकारियों का मानना है कि इस फैसले से मेक्सिको को हर साल करीब 380 करोड़ US Dollars की अतिरिक्त कमाई हो सकती है।
भारत की दो टूक: बातचीत से हल निकले, वरना…
भारत सरकार ने मेक्सिको के इस एकतरफा फैसले पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। भारत के Commerce Secretary राजेश अग्रवाल ने मेक्सिको की Ministry of Economy के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की है। भारत ने साफ कर दिया है कि बिना पूर्व चर्चा के अचानक Tariff बढ़ाना दोनों देशों के ‘सहयोगी आर्थिक संबंधों’ (Cooperative Economic Engagement) के खिलाफ है। नई दिल्ली ने चेतावनी दी है कि अगर भारतीय निर्यातकों को नुकसान हुआ, तो भारत अपने हितों की रक्षा के लिए “उचित कदम” उठाने से पीछे नहीं हटेगा। हालांकि, सरकार की प्राथमिकता अभी भी बातचीत के जरिए समाधान निकालने की है।
अमेरिका का दबाव और चीन कनेक्शन
विशेषज्ञों का मानना है कि मेक्सिको द्वारा भारत और अन्य देशों पर इतना भारी Tariff लगाने के पीछे अमेरिका की व्यापार नीति (Trade Policy) का बड़ा हाथ है। अमेरिका के साथ चल रही USMCA समीक्षा और चीन से आने वाले सामान की Transshipment रोकने की कोशिशों के तहत मेक्सिको यह सख्त कदम उठा रहा है। भारतीय दूतावास ने इस कानून के बनने से पहले ही, 30 सितंबर 2025 को ही भारतीय Exporters के लिए खास छूट की मांग की थी, लेकिन मेक्सिको की तरफ से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है।
जानें पूरा मामला
मेक्सिको भारत का एक अहम व्यापारिक साझीदार है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में मेक्सिको भारत का नौवां सबसे बड़ा Trade Partner था और दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 1058 करोड़ US Dollars का रहा था। भारत वहां गाड़ियां, दवाइयां, इंजीनियरिंग और केमिकल Products निर्यात करता है, जबकि वहां से कच्चा तेल और सोने की ज्वेलरी आयात करता है। अब देखना यह होगा कि 1 जनवरी 2026 से पहले क्या कूटनीतिक बातचीत से यह 35-50% का Tariff का झटका कम हो पाता है या नहीं।
मुख्य बातें (Key Points)
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मेक्सिको ने भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों के उत्पादों पर 50% तक Import Tariff लगाने का ऐलान किया।
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यह फैसला 1 जनवरी 2026 से लागू होगा और इसका असर 10,463 तरह के Products पर पड़ेगा।
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भारत ने इसे ‘सहयोगी संबंधों’ के खिलाफ बताते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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मेक्सिको का तर्क है कि इससे Local Industry को बढ़ावा मिलेगा और 380 करोड़ डॉलर की कमाई होगी।






