India US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच पिछले 10 महीनों से अटकी पड़ी व्यापारिक डील (Trade Deal) में एक नया मोड़ आ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल के मुखिया जेमिसन ग्रियर ने खुलासा किया है कि भारत ने उन्हें अब तक का सबसे बेहतरीन ऑफर दिया है। इस बयान के बाद से ही कयासों का बाजार गर्म है कि क्या भारत अमेरिका के मांसाहारी गायों के दूध और डेयरी उत्पादों के लिए अपने दरवाजे खोलने जा रहा है?
‘भारत ने अब तक का सबसे अच्छा ऑफर दिया’
जेमिसन ग्रियर ने कहा, “मेरी टीम अभी नई दिल्ली में है। हालांकि भारत में कुछ अमेरिकी फसलों और मांस का विरोध है, लेकिन इस बार वे हमें जो ऑफर दे रहे हैं, वह अब तक का सबसे अच्छा है। भारत हमारे लिए एक अच्छा वैकल्पिक बाजार बन सकता है।” इस बयान ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौतों को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
डेयरी उत्पादों और जीएम फसलों पर विवाद
अमेरिका चाहता है कि भारत उसके डेयरी उत्पादों और जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) फसलों जैसे मक्का, सोयाबीन और सेब के लिए अपना बाजार खोले और इन पर लगने वाले भारी-भरकम टैरिफ को कम करे। अमेरिका की मांग है कि डेयरी उत्पादों पर मौजूदा 30-60% टैरिफ को घटाकर 5-10% किया जाए।
हालांकि, भारत के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा है। भारत में दुनिया का सबसे ज्यादा दूध उत्पादन होता है और करीब 8 करोड़ किसान इस कारोबार से जुड़े हैं। अगर अमेरिकी डेयरी उत्पाद सस्ते दामों पर भारतीय बाजार में आते हैं, तो देसी किसानों और सहकारी समितियों को भारी नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, अमेरिका में गायों को मांसाहार (ब्लड मील और चर्बी) खिलाने की प्रथा है, जो भारतीय संस्कृति और शाकाहारी मान्यताओं के खिलाफ है। FSSAI के नियम भी ऐसे उत्पादों की इजाजत नहीं देते।
जीएम फसलों के नुकसान का डर
अमेरिका जीएम फसलों (GM Crops) के आयात पर भी जोर दे रहा है। जीएम फसलों के बीज दोबारा उगने लायक नहीं होते (नॉन-प्रोडक्टिव), यानी किसानों को हर साल नई बीज खरीदने होंगे। इससे खेती की लागत बढ़ेगी और अमेरिकी कंपनियों का एकाधिकार हो जाएगा। साथ ही, जीएम फसलों से पर्यावरण और देसी फसलों की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ने का भी खतरा है।
जानें पूरा मामला
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक बातचीत लंबे समय से चल रही है। पीएम मोदी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे किसानों के हितों से समझौता नहीं करेंगे। लेकिन अमेरिका द्वारा हाल ही में कुछ भारतीय कृषि उत्पादों से टैरिफ हटाने और अब भारत द्वारा दिए गए ‘बेस्ट ऑफर’ के बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या भारत टैरिफ कम कराने के बदले कुछ शर्तों पर झुक सकता है? यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
मुख्य बातें (Key Points)
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अमेरिकी दूत जेमिसन ग्रियर ने भारत के ऑफर को ‘अब तक का सबसे अच्छा’ बताया।
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अमेरिका डेयरी उत्पादों और जीएम फसलों पर टैरिफ कम कराना चाहता है।
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भारत में अमेरिकी मांसाहारी गायों के दूध और जीएम फसलों का कड़ा विरोध है।
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इस डील से भारतीय किसानों और डेयरी सेक्टर पर गहरा असर पड़ सकता है।






