Stomach Health Tips – क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक, डायबिटीज और जोड़ों के दर्द जैसी गंभीर बीमारियों की शुरुआत कहां से होती है? आयुर्वेद के अनुसार, इन सबका जन्मदाता आपका पेट है। अगर आपका पेट खराब है, तो समझ लीजिए कि शरीर बीमारियों का घर बन जाएगा, लेकिन एक छोटे से नियम को अपनाकर आप 148 में से 135 बीमारियों को हमेशा के लिए दूर रख सकते हैं।
पेट है शरीर का सबसे मुख्य इंजन
अक्सर लोग दिल (Heart) को शरीर का सबसे मुख्य अंग मानते हैं, लेकिन राजीव दीक्षित के अनुसार, हकीकत कुछ और है। दिल को धड़कने के लिए ऊर्जा और रक्त की जरूरत होती है, और उस रक्त (Blood) को बनाने की फैक्ट्री आपका पेट ही है। अगर पेट अपना काम सही से न करे, तो दिल भी काम करना बंद कर सकता है। इसलिए पेट ही जीवन का असली केंद्र है, जो पूरे शरीर को संचालित करता है।
दिल का दौरा और डायबिटीज का असली कारण
हैरानी की बात यह है कि 90% बीमारियां पेट से ही शुरू होती हैं। हार्ट अटैक (Heart Attack) और कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) जैसी जानलेवा स्थितियां अचानक नहीं आतीं, इनकी नींव पेट की गड़बड़ी से पड़ती है। जब पेट खराब होता है, तब जाकर यह असर दिल तक पहुंचता है। इसी तरह डायबिटीज (Diabetes), पैरालिसिस (Paralysis) और यहां तक कि ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) जैसी बीमारियों की जड़ भी पेट में ही छिपी होती है।
148 में से 135 रोग सिर्फ पेट से
भारत की प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में कुल 148 बीमारियों का जिक्र है, जिसमें सर्दी-जुकाम जैसी छोटी समस्या से लेकर कैंसर जैसा गंभीर रोग शामिल है। वाग्भट जी के सूत्रों के अनुसार, इन 148 बीमारियों में से लगभग 135 बीमारियां केवल पेट से शुरू होती हैं। मात्र 12-13 बीमारियां ही ऐसी हैं जो पेट के बाहर के कारणों से होती हैं। इसका सीधा मतलब है कि अगर आप अपने पेट को दुरुस्त रख लें, तो जीवन में सब कुछ अच्छा रहेगा।
भोजन के अंत में पानी विष समान
पेट को स्वस्थ रखने के लिए वाग्भट जी ने एक बेहद महत्वपूर्ण सूत्र दिया है: “भोजनान्ते विषमं वारि”। इसका अर्थ है कि भोजन के अंत में पानी पीना विष (Zahar) पीने के समान है। यह सूत्र सुनने में बहुत छोटा लगता है, लेकिन इसका रहस्य बहुत गहरा है। खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से पाचन क्रिया बुझ जाती है, जिससे खाना पचने के बजाय सड़ने लगता है और यही सड़न सैकड़ों बीमारियों को जन्म देती है।
जानें पूरा मामला
वाग्भट जी ने ये सूत्र अपने विद्वान शिष्यों के लिए लिखे थे, इसलिए उन्होंने इनका ज्यादा विश्लेषण नहीं किया। लेकिन समय के साथ वे शिष्य चले गए और ये सूत्र बिना विश्लेषण के रह गए, जिससे आम आदमी इन्हें समझ नहीं पाया। वर्षों के अभ्यास और शोध के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि पेट को ठीक रखकर ही शरीर को निरोगी बनाया जा सकता है।
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शरीर की 90% बीमारियां पेट की गड़बड़ी से शुरू होती हैं।
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हार्ट अटैक और पैरालिसिस जैसे रोगों का मुख्य कारण भी पेट ही है।
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आयुर्वेद के अनुसार 148 में से 135 रोग पेट से जुड़े हैं।
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खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना सेहत के लिए जहर के समान है।






