Murshidabad Babri Masjid Foundation : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 6 दिसंबर की तारीख एक बड़ी राजनीतिक और सामाजिक हलचल लेकर आई। अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर, मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में हजारों लोगों की भीड़ के बीच एक नई ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रख दी गई। निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर की अगुवाई में हुए इस कार्यक्रम में लोग अपने हाथों और कंधों पर ईंटें लेकर पहुंचे, जिससे पूरा माहौल बदल गया।
‘हाथों में ईंट, जुबां पर दुआ’
सुबह से ही बेलडांगा में एक अलग नजारा देखने को मिला। दूर-दराज के इलाकों से लोग पैदल, गाड़ियों और ई-रिक्शा में भरकर यहां पहुंचे। खास बात यह थी कि हर किसी के हाथ में या कंधे पर ईंट थी। लोगों का मानना था कि अगर उनकी लाई हुई ईंट इस मस्जिद की बुनियाद में लग जाए, तो यह उनके लिए सौभाग्य की बात होगी।
देखते ही देखते कार्यक्रम स्थल के आसपास की जमीन ईंटों से पट गई। ठीक दोपहर 12 बजे, जब अयोध्या में ढांचा गिराया गया था, उसी वक्त यहां कुरान की तिलावत (पाठ) शुरू हुई। कुरान का पाठ खत्म होते ही बाबरी मस्जिद का शिलान्यास कर दिया गया।
‘प्रशासन का सहयोग और हाई अलर्ट’
हुमायूं कबीर ने दावा किया कि उन्हें प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है। हालांकि, स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरा इलाका छावनी में तब्दील था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, बेलडांगा और रानी नगर थाना क्षेत्रों में करीब 3000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।
कोलकाता हाई कोर्ट ने इस कार्यक्रम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी।
‘3 लाख लोगों के जुटने का था दावा’
हुमायूं कबीर ने एक दिन पहले दावा किया था कि इस कार्यक्रम में करीब 3 लाख लोग जुटेंगे और सऊदी अरब से दो काजी विशेष काफिले में आएंगे। हालांकि, मौके पर हजारों की भीड़ जरूर दिखी, जिसने इस आयोजन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
हुमायूं कबीर ने पिछले महीने ही ऐलान किया था कि वे 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखेंगे। इस बयान के बाद टीएमसी ने उन पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था।
‘सियासत का नया अखाड़ा’
इस आयोजन ने बंगाल की राजनीति में भूचाल ला दिया है। बीजेपी का आरोप है कि हुमायूं कबीर अपनी राजनीति चमकाने और मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए यह सब कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं का कहना है कि बंगाल में मुसलमानों की गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने के बजाय जज्बाती मुद्दों को हवा दी जा रही है।
वहीं, टीएमसी ने भी हुमायूं कबीर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। टीएमसी नेताओं का कहना है कि मस्जिद अल्लाह के लिए बनती है, सियासत के लिए नहीं। मस्जिद सियासत का मैदान नहीं हो सकती।
जानें पूरा मामला
हुमायूं कबीर का राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उन्होंने कांग्रेस से शुरुआत की, 2013 में टीएमसी में आए, फिर 2018 में बीजेपी में गए और 2021 में वापस टीएमसी में लौट आए। अब टीएमसी से निलंबित होने के बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है। मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का निर्माण इसी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत मानी जा रही है।
मुख्य बातें (Key Points)
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6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखी गई।
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हजारों लोग अपने साथ ईंटें लेकर शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे।
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सुरक्षा के लिए इलाके में 3000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
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निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है।






