नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राज कुमार) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य सभा में प्रश्न काल के दौरान कहा कि ये मोदी सरकार है, जिसने उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने और उत्पादन के ठीक दाम देने, ये तीनों काम किए हैं। हमारा एक ही फार्मूला है- किसानों का कल्याण। उन्होंने कहा कि गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने वर्ष 2019 में तय किया कि लागत पर 50% मुनाफा देकर MSP तय की जाएगी, वहीं अब किसानों से तुअर, मसूर व उड़द 100% खरीदी जाएगी, जबकि यूपीए सरकार ने तो कह दिया था कि लागत पर सीधे 50% बढ़ोतरी निर्धारित करने से मंडी में विकृति आ सकती है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने संसद में सवालों के जवाब में कहा कि हम स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह मानते हुए कुल लागत पर 50% मुनाफा देकर एमएसपी पर फसल खरीदी कर रहे हैं और कई फसलों पर तो 50% से ज्यादा दाम भी देने का काम कर रहे हैं। 2014 के पहले इतनी नहीं खरीदी जाती थी और दलहन-तिलहन की फसल के लिए तो 2014 के पहले नाममात्र की खरीदी होती थी। हमने पीएम आशा योजना भी बनाई है। शिवराज सिंह ने कहा कि कई राज्य सरकार खरीदी में ढिलाई करती है, पूरा नहीं खरीदती है, जिससे किसानों को दिक्कत होती है, वहीं हमने तय किया है कि तुअर, मसूर, उड़द राज्य सरकार अगर कम खरीदेगी या नहीं खरीदेगी तो नैफेड जैसी एजेंसी के माध्यम से सीधे भी हम खरीदने का काम करेंगे, ताकि किसानों को ठीक दाम मिल सके।
शिवराज सिंह ने बताया कि 2004 से 2014 के बीच सभी खरीफ की जो एमएसपी फसलें थी, वो केवल 46 करोड़ 89 लाख मीट्रिक टन खरीदी गई थी, जबकि मोदी सरकार ने 81 करोड़ 86 लाख मीट्रिक टन खरीदी की हैं। रबी की फसल 23 करोड़ 2 लाख मीट्रिक टन खरीदी गई थी, उस समय जब यूपीए की सरकार थी, वहीं एनडीए की सरकार ने 35 करोड़ 40 लाख मीट्रिक टन खरीदी है और अलग-अलग दलहन और तिलहन की खरीदी भी की। तिलहन 47 लाख 75 हजार मीट्रिक टन खरीदी जाती थी पहले, वहीं एनडीए की सरकार ने 1 करोड़ 28 लाख मीट्रिक टन खरीदी है। दलहन 6 लाख मीट्रिक टन 10 साल में खरीदी गई थी, वहीं हमने 1 करोड़ 89 लाख मीट्रिक टन खरीदी है और इस तरह से किसानों को उसके उत्पाद का पूरा दाम देने का हमने प्रयास किया है।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसके प्राण, किसानों का कल्याण मोदी सरकार का सर्वोच्च संकल्प है। हमने MSP तय की, जबकि UPA सरकार, 2013-14 में जितनी MSP देती थी, उससे दोगुनी MSP घोषित करने का काम मोदी सरकार ने किया है। शिवराज सिंह ने उपजवार आंकड़े देते हुए बताया कि यूपीए सरकार के समय धान, ज्वार, बाजरा, रागी, तुअर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी, गेहूं, जौ, चना, सरसों आदि पर बहुत कम दाम दिए जाते थे, जबकि वर्तमान में एमएसपी काफी बढ़ाकर दी जा रही हैं, साथ ही MSP पर खरीद भी बहुत बढ़ाई गई हैं। उन्होंने तमाम आंकड़ों के साथ यूपीए सरकार के कार्यकाल के समय से तुलना करते हुए विपक्ष पर ताना कसते हुए कहा कि हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और। शिवराज सिंह बोले- ये नरेंद्र मोदी सरकार है, जो किसान के हितों की चर्चा करती है और विपक्ष से कहा कि सभी MSP फसलें जो पूर्व के 10 साल में आपने खरीदी 7 लाख 41 हजार करोड़ रुपये की, वहीं हमने 24 लाख 49 हजार करोड़ रु. की।
शिवराज सिंह ने सदन में शेर सुनाया- वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती, हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम। इसके साथ ही उन्होंने काह कि पिछले साल कर्नाटक की सरकार ने 2024-25 में तुअर खरीदने की बात की, तो हमने कर्नाटक की सरकार से कहा, 100% खरीदो। उनका कहना रहा कि 100% नहीं, हमें केवल 25% की स्वीकृति दो। तब हमने 25% की स्वीकृति दी, लेकिन वो भी उन्होंने नहीं खरीदी। हमने स्वीकृति दी 3,06,150 MT की और कर्नाटक की कांग्रेस की सरकार ने खरीदी 2,16,303 MT, जो गारंटी है, उसे भी आपकी सरकारें खरीदती नहीं हैं। शिवराज ने कहा-इन्होंने तो कोई फार्मूला माना ही नहीं, और हमारा एक ही फार्मूला है, किसानों का कल्याण। किसानों को उत्पाद के ठीक दाम देना हमारा संकल्प है और किसानों के हित में इस संकल्प को हम हर हालत में पूरा करेंगे।






