Sanchar Saathi App Mandatory: देश में बढ़ते साइबर अपराधों और मोबाइल फोन चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने एक बड़ा और अहम कदम उठाया है। संचार मंत्रालय ने सभी मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों को निर्देश जारी किया है कि वे अब से हर नए मोबाइल हैंडसेट में ‘संचार साथी’ (Sanchar Saathi) ऐप को पहले से ही इंस्टॉल करके दें। यह नियम भारत में बनने वाले और आयात किए जाने वाले, दोनों तरह के नए फोनों पर लागू होगा।
मंत्रालय ने कंपनियों को इस निर्देश का पालन करने के लिए 90 दिनों का समय दिया है। इसके बाद अगले 120 दिनों के भीतर उन्हें अनुपालन रिपोर्ट भी सरकार को सौंपनी होगी। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जैसे मोबाइल फोन के सॉफ्टवेयर अपडेट आते हैं, वैसे ही ‘संचार साथी’ ऐप भी अपने आप (स्वतः) अपडेट हो जाए।
क्या है ‘संचार साथी’ ऐप और यह क्यों जरूरी है?
‘संचार साथी’ पोर्टल की शुरुआत साल 2023 में हुई थी और इसका मोबाइल ऐप इस साल जनवरी में लॉन्च किया गया था। यह ऐप आम लोगों के लिए कई मायनों में बेहद मददगार है। इसके जरिए आप यह जान सकते हैं कि आप जो फोन इस्तेमाल कर रहे हैं, वह कहीं चोरी का तो नहीं है। यह सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने वालों के लिए बहुत काम की सुविधा है, जिससे वे फोन की सत्यता की जांच कर सकते हैं।
इसके अलावा, ऐप की मदद से आप यह भी पता लगा सकते हैं कि आपके नाम पर कितने सिम कार्ड एक्टिव हैं। अगर आपको कोई ऐसा सिम दिखता है जो आपने नहीं लिया है, तो आप उसे तुरंत ब्लॉक भी करवा सकते हैं। यह फर्जी सिम के जरिए होने वाले अपराधों और पुलिस की पूछताछ से बचने में आपकी मदद करेगा।
चोरी हुए फोन की रिकवरी में मिल रही बड़ी सफलता
संचार मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, ‘संचार साथी’ पोर्टल चोरी या खोए हुए मोबाइल फोन को रिकवर करने में काफी कारगर साबित हो रहा है। मंत्रालय का दावा है कि इस पोर्टल की मदद से हर मिनट चोरी हुआ एक फोन रिकवर किया जा रहा है। इस साल अक्टूबर महीने में ही 50,534 चोरी हुए मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जो जून के मुकाबले 47% ज्यादा है। पिछले साल जून में 34,339 और इस साल अगस्त में 45,243 फोन रिकवर किए गए थे। अब तक पोर्टल की मदद से 42 लाख से ज्यादा मोबाइल फोन ब्लॉक किए जा चुके हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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सभी नए मोबाइल फोन में ‘संचार साथी’ ऐप का प्री-इंस्टॉल होना अनिवार्य कर दिया गया है।
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कंपनियों को 90 दिनों में निर्देश का पालन करना होगा और 120 दिनों में रिपोर्ट देनी होगी।
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यह ऐप चोरी हुए फोन का पता लगाने और आपके नाम पर चल रहे सिम की जानकारी देने में मदद करता है।
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मंत्रालय का दावा है कि पोर्टल की मदद से हर मिनट एक चोरी हुआ फोन रिकवर हो रहा है।
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अब तक 42 लाख से ज्यादा मोबाइल फोन ब्लॉक किए जा चुके हैं।






