Turmeric Supplement Side Effects: सेहत बनाने के लिए जिन चीजों पर आप आंख मूंदकर भरोसा करते हैं, वही अब जानलेवा साबित हो रही हैं। एक तरफ लिवर ठीक करने के लिए खाई जा रही हल्दी के सप्लीमेंट्स ही लिवर को डैमेज कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ बाजार में बिकने वाला आपका पसंदीदा स्नैक ‘भुना चना’ कैंसर की वजह बन सकता है। देश में बढ़ते फैटी लिवर के मामलों और खाने में हो रही खतरनाक मिलावट ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है।
फैटी लिवर आज भारत में एक ‘नेशनल बीमारी’ का रूप ले चुका है। साल 2023 की एम्स की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में 38% लोगों को नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर है, यानी उन्हें शराब पिए बिना ही यह बीमारी हो गई है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, हर तीन में से एक इंसान इस समस्या से जूझ रहा है। इसी डर के चलते लोग अब बिना सोचे-समझे हल्दी के सप्लीमेंट्स का सहारा ले रहे हैं, जो उल्टा उन पर भारी पड़ रहा है।
हल्दी के सप्लीमेंट्स से लिवर फेल होने का खतरा
फैटी लिवर से बचने के लिए बाजार में हल्दी के कैप्सूल और सप्लीमेंट्स की बाढ़ आ गई है। लोग इसे कुदरती इलाज समझकर खा रहे हैं, लेकिन इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं। जुलाई 2025 में अमेरिका के न्यू जर्सी में एक महिला, केटी मोहन का लिवर सिर्फ इसलिए खराब हो गया क्योंकि वह रोज हल्दी के कैप्सूल ले रही थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि खाने में इस्तेमाल होने वाली हल्दी सुरक्षित और फायदेमंद है, लेकिन सप्लीमेंट्स में मौजूद ‘कर्क्यूमिन’ की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो लिवर को डैमेज कर सकती है।
फैटी लिवर का असली इलाज क्या है?
डॉक्टरों के मुताबिक, हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो लिवर के ‘ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस’ को कम करते हैं और चर्बी घटाने में मदद कर सकते हैं। लेकिन यह सोचना गलत है कि सिर्फ हल्दी के कैप्सूल खाने से फैटी लिवर ठीक हो जाएगा। सप्लीमेंट्स (500mg से 2000mg) केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लेने चाहिए। फैटी लिवर को ठीक करने का सबसे कारगर तरीका सप्लीमेंट नहीं, बल्कि सही डाइट और रोज कम से कम 45 मिनट की एक्सरसाइज है। बिना डॉक्टरी सलाह के सप्लीमेंट लेना आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ है।
शादियों में नया ट्रेंड: ‘हैंगओवर आईवी बार्स’
शादियों के सीजन में अब एक नया और चौंकाने वाला ट्रेंड देखने को मिल रहा है—’आईवी बार्स’। हाई प्रोफाइल शादियों में मेहमानों के हैंगओवर को उतारने के लिए पंडालों के साथ-साथ ड्रिप लगाने के इंतजाम किए जा रहे हैं। शराब पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन होता है और इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे सिरदर्द और थकान होती है। इसी को तुरंत ठीक करने के लिए मेहमानों को आईवी ड्रिप (IV Drip) दी जा रही है, जिसमें सलाइन, विटामिंस और ग्लूकोज होता है।
हालांकि, डॉक्टर चेतावनी देते हैं कि यह कोई जादू नहीं है। यह केवल हाइड्रेशन थेरेपी है जो कुछ लक्षणों से राहत दे सकती है, लेकिन यह हैंगओवर को पूरी तरह खत्म नहीं करती। किसी भी पार्टी या शादी में बिना डॉक्टर की सलाह के ऐसी ड्रिप लगवाना जोखिम भरा हो सकता है। हैंगओवर उतारने का सबसे सुरक्षित तरीका पानी, नारियल पानी और अदरक वाली चाय है।
सावधान! चने में मिलाया जा रहा है कैंसर वाला जहर
बाजार में मिलने वाले चमकीले पीले भुने चने आपकी सेहत के लिए ‘टाइम बम’ साबित हो सकते हैं। इन चनों को आकर्षक और कुरकुरा बनाने के लिए उन पर ‘ओरामाइन ओ’ (Auramine O) नाम की एक खतरनाक डाई चढ़ाई जा रही है। यह डाई कपड़े और लेदर इंडस्ट्री में इस्तेमाल होती है और खाने में इसका उपयोग पूरी तरह गैरकानूनी है। यह मुद्दा इतना गंभीर है कि राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर नेशनल हेल्थ अलर्ट जारी करने की मांग की है।
किडनी और डीएनए पर करता है वार
डाइटिशियन बताते हैं कि ‘ओरामाइन ओ’ से लिवर और किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचता है। यह स्प्लीन (Spleen) का साइज बढ़ा सकता है, जिससे इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा रहता है। सबसे डरावनी बात यह है कि यह डाई आपके डीएनए (DNA) में बदलाव कर सकती है और डब्लूएचओ (WHO) ने इसे कैंसर पैदा करने वाले कारकों की श्रेणी (Group 2B carcinogen) में रखा है।
असली और मिलावटी चने की पहचान कैसे करें?
अगर चने जरूरत से ज्यादा पीले और चमकीले दिख रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। इसकी पहचान का सबसे आसान तरीका है—गीले हाथों से चने को छूना। अगर आपके हाथ पर पीला रंग छूटता है, तो समझ लीजिए कि उसमें केमिकल वाली डाई मिलाई गई है। अपनी सुरक्षा के लिए हमेशा भरोसेमंद दुकान से ही खरीदारी करें या फिर बाजार से कच्चे चने लाकर घर पर ही भूनें।
जानें पूरा मामला
आजकल स्वास्थ्य को लेकर लोग शार्टकट अपना रहे हैं, चाहे वह लिवर ठीक करने के लिए बिना सलाह के सप्लीमेंट खाना हो या फिर शादी में हैंगओवर उतारने के लिए ड्रिप लगवाना। इसी बीच, मुनाफे के लिए मिलावटखोर भुने चने जैसे हेल्दी स्नैक को भी जहरीला बना रहे हैं। यह रिपोर्ट इन तीनों ही मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने और सही मेडिकल सलाह मानने पर जोर देती है।
मुख्य बातें (Key Points)
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भारत में हर 3 में से 1 व्यक्ति फैटी लिवर का शिकार, हल्दी के सप्लीमेंट्स का अंधाधुंध इस्तेमाल खतरनाक।
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हल्दी के कैप्सूल बिना डॉक्टर की सलाह के लेने से लिवर डैमेज हो सकता है।
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शादियों में हैंगओवर उतारने के लिए ‘आईवी बार्स’ का चलन बढ़ा, डॉक्टर बोले- सावधानी जरूरी।
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भुने चनों में ‘ओरामाइन ओ’ डाई की मिलावट से कैंसर और डीएनए डैमेज का खतरा।
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चने खरीदते समय गीले हाथों से रंग छूटने की जांच जरूर करें।






