Overeating Health Risks: क्या लंच या डिनर के बाद पेट भरा होने के बावजूद आपका हाथ अपने आप फ्रिज या स्नैक बॉक्स की तरफ बढ़ता है? क्या आपको भी खाने के तुरंत बाद कुछ नमकीन या मीठा ‘मंच’ करने की तलब लगती है? अगर यह कभी-कभार की बात है, तो ठीक है, लेकिन अगर यह आपकी रोजमर्रा की आदत बन चुकी है, तो सावधान हो जाएं। यह सिर्फ खाने का शौक नहीं, बल्कि एक गंभीर ‘ईटिंग डिसऑर्डर’ की दस्तक हो सकती है, जो आपकी याददाश्त से लेकर आपके दिल की धड़कनों तक को खतरे में डाल रही है।
विशेषज्ञों की मानें तो जिसे हम अक्सर ‘खाने का शौक’ समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, वह मेडिकल भाषा में ‘फूड डिसऑर्डर’ है। जरूरत से ज्यादा कैलोरी कंज्यूम करना आपके शरीर को अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है।
‘याददाश्त पर सीधा हमला और पेट का हाल बेहाल’
ओवर ईटिंग का सबसे चौंकाने वाला और खतरनाक असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह एक कड़वा सच है कि आप जितनी ज्यादा अतिरिक्त कैलोरी लेंगे, आपकी याददाश्त (Memory) उतनी ही कमजोर होती जाएगी। भूख से अधिक खाना सीधे तौर पर आपकी सोचने-समझने की शक्ति को प्रभावित करता है।
इसके अलावा, इसका सबसे पहला शिकार आपका पाचन तंत्र बनता है। आपने अक्सर महसूस किया होगा कि किसी पार्टी या फंक्शन में ज्यादा खा लेने के बाद बेचैनी होने लगती है। यह आदत कब्ज (Constipation), गंभीर एसिडिटी और सीने में जलन का कारण बनती है। कई बार यह जलन इतनी बढ़ जाती है कि चेस्ट पेन (छाती में दर्द) की शिकायत होने लगती है, जिसे लोग नजरअंदाज करने की गलती करते हैं।
‘दिल का दौरा और नींद की दुश्मन’
खतरे की घंटी यहीं बंद नहीं होती। ओवर ईटिंग का सीधा कनेक्शन आपके दिल की सेहत से है। बहुत कम लोग जानते हैं कि लगातार ज्यादा खाने की आदत से हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम्स बढ़ जाती हैं और यहां तक कि ‘हार्ट अटैक’ का खतरा भी पैदा हो सकता है। यह आदत आपके ब्लड प्रेशर को अनियंत्रित कर देती है।
साथ ही, यह आपकी नींद के चक्र को पूरी तरह बर्बाद कर देती है। जब आप बहुत ज्यादा भरा हुआ महसूस करते हैं, तो शरीर को आराम नहीं मिल पाता और नींद बाधित होती है। नतीजा यह होता है कि आप अगले पूरे दिन कम ऊर्जा (Low Energy) महसूस करते हैं और आपका पूरा दिन खराब जाता है। साथ ही, ज्यादा भोजन यानी ज्यादा कैलोरी, जो सीधे तौर पर टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कई गुना बढ़ा देती है।
‘कैसे लगाएं इस लत पर लगाम?’
अगर आप इस आदत को सुधारना चाहते हैं, तो सबसे कारगर तरीका है— ‘ध्यान हटाना’। जब भी बेवक्त खाने का मन करे, तो खुद को किसी रचनात्मक काम में लगाएं। अगर फिर भी तलब न रुके, तो अनहेल्दी स्नैक्स की जगह हेल्दी विकल्प चुनें। सब्जियों का सूप पिएं या सलाद खाएं।
बच्चों के लिए भी यह नियम लागू होता है। उन्हें टिफिन में पैकेट बंद चीजों की जगह पालक का चीला, हेल्दी पैनकेक्स या फलों की स्मूदी दें। यह स्वाद और सेहत का बेहतरीन संतुलन है।
‘स्ट्रेस और नाश्ते का गणित’
आजकल तनाव (Stress) ओवर ईटिंग का सबसे बड़ा कारण है। अक्सर लोग टेंशन में ज्यादा खाने लगते हैं, इसलिए तनाव से दूर रहना ही इसका इलाज है। एक और गलतफहमी जो लोग पालते हैं, वह है डाइटिंग के नाम पर खाना छोड़ना। खाना बिल्कुल न छोड़ें, बल्कि छोटे-छोटे मील्स (Small Meals) लें।
दिन की शुरुआत एक भारी और पौष्टिक नाश्ते (Breakfast) से करें, ताकि दिन भर ऊर्जा बनी रहे। सबसे महत्वपूर्ण नियम— ‘सेकंड सर्विंग’ (दुबारा खाना परोसना) लेने से पहले दो बार सोचें। सिर्फ पेट भरने या स्वाद के लिए प्लेट में दोबारा खाना न डालें। खुद को हाइड्रेटेड रखें, क्योंकि कई बार शरीर प्यास को भूख समझने की गलती करता है। पानी पीकर भी भूख को नियंत्रित किया जा सकता है।
आम पाठक पर असर
यह रिपोर्ट हर उस व्यक्ति के लिए एक चेतावनी है जो टीवी देखते हुए या लैपटॉप पर काम करते हुए अनजाने में जरूरत से ज्यादा खा रहा है। इन छोटी-छोटी आदतों को सुधारकर आप न सिर्फ भविष्य में होने वाले लाखों रुपये के मेडिकल खर्च को बचा सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन भी जी सकते हैं।
‘जानें पूरा मामला’
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अनियमित खान-पान एक आम समस्या बन गई है। लोग अक्सर स्वाद, बोरियत या तनाव के कारण भूख से ज्यादा खाना खा लेते हैं। मेडिकल साइंस में इसे एक प्रकार का विकार माना जाता है। यह रिपोर्ट इसी बिगड़ती जीवनशैली और खान-पान की गलत आदतों के दीर्घकालिक और घातक दुष्परिणामों को उजागर करती है, ताकि समय रहते स्वास्थ्य को बचाया जा सके।
मुख्य बातें (Key Points)
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याददाश्त पर असर: ज्यादा कैलोरी का सेवन आपकी मेमोरी को कमजोर करता है।
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दिल को खतरा: ओवर ईटिंग से हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ता है।
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नींद और ऊर्जा: ज्यादा खाने से नींद खराब होती है और अगले दिन ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
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रोकने के उपाय: तनाव कम करें, पानी पिएं, नाश्ता न छोड़ें और ‘सेकंड सर्विंग’ लेने से बचें।






