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77 Lakh Jobs: New Labour Code से देश में बढ़ेगा रोजगार

SBI की रिपोर्ट में दावा- सरकार के नए श्रम कानूनों से बेरोजगारी में 1.3% तक की कमी आएगी; 77 लाख लोगों को मिलेगा अतिरिक्त रोजगार।

The News Air by The News Air
मंगलवार, 25 नवम्बर 2025
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New Labour Code
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New Labour Code Job Creation देश में हाल ही में लागू किए गए नए लेबर कोड (श्रम संहिता) कर्मचारियों और कंपनियों दोनों के लिए बड़े बदलाव लेकर आने वाले हैं। इस बीच भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार के नए श्रम कानूनों से भारत में रोजगार और इससे जुड़े क्षेत्रों में स्थायित्व को बढ़ावा मिल सकता है।

SBI रिपोर्ट में कहा गया है कि नए लेबर कोड से बेरोजगारी में 1.3% तक की कमी आ सकती है। इससे 77 लाख लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार सृजन होगा। यह आकलन 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों की वर्तमान श्रम बल भागीदारी दर (60.1%) और औसत कार्यशील आयु वर्ग की जनसंख्या (70.7%) पर आधारित है।

स्थाई रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

रिपोर्ट के मुताबिक, नए लेबर कोड के क्रियान्वयन से श्रम बल में स्थाई कर्मियों की हिस्सेदारी कम से कम 15% बढ़ जाएगी।

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  • औपचारिक श्रमिकों में वृद्धि: इससे कुल औपचारिक श्रमिकों की हिस्सेदारी वर्तमान अनुमानित हिस्सेदारी (60.4%) से बढ़कर 75.5% हो जाएगी।

  • सामाजिक सुरक्षा कवरेज: नए कानूनों के तहत सामाजिक सुरक्षा का कवरेज 85% तक बढ़ सकता है। इससे देश का श्रम पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा।

खपत और आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

नए लेबर कोड का सीधा असर मध्यम अवधि में कुल खपत और आर्थिक विकास पर भी पड़ेगा।

  • खपत में वृद्धि: लगभग 30% की बचत दर के साथ, सुधारों के क्रियान्वयन के बाद हर दिन प्रति व्यक्ति खपत लगभग ₹66 तक बढ़ सकती है।

  • कुल खर्च में वृद्धि: इससे मध्यम अवधि में कुल खपत में ₹75,000 करोड़ की वृद्धि होगी। इससे घरेलू खर्च और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

10 करोड़ लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद

SBI ने बताया है कि भारत में लगभग 44 करोड़ लोग वर्तमान में असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं, जिसमें से लगभग 31 करोड़ श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं।

  • अनौपचारिक से औपचारिक: अगर इनमें से 20% श्रमिक अनौपचारिक वेतन सूची से औपचारिक वेतन सूची में जाते हैं, तो लगभग 10 करोड़ व्यक्तियों को नौकरी की बेहतर सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और औपचारिक रोजगार से जुड़ी सुविधाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिल सकता है।

  • सामाजिक सुरक्षा: इस बदलाव से अगले 2 से 3 वर्ष में भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 80 से 85% तक पहुंचने की उम्मीद है।

चार श्रम संहिताओं का विलय

भारत सरकार ने बीते शुक्रवार को चार श्रम संहिताओं को लागू किया। 21 नवंबर 2025 को लागू हुए इन सुधारों के तहत, श्रम विनियमों को सरल बनाने और कार्यस्थल प्रशासन में सुधार के लिए 29 मौजूदा श्रम कानूनों को चार व्यापक संहिताओं में विलय कर दिया गया।

  • चार संहिताएं: इनमें वेतन संहिता 2019, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020, व्यवसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता 2020 और औद्योगिक संबंध संहिता 2020 शामिल हैं।

मुख्य बातें (Key Points)
  • एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, नए लेबर कोड से बेरोजगारी में 1.3% की कमी आएगी और 77 लाख अतिरिक्त रोजगार सृजित होंगे।

  • इन कोड्स के लागू होने से श्रम बल में स्थाई कर्मियों की हिस्सेदारी 15% तक बढ़ जाएगी और औपचारिक श्रमिकों की हिस्सेदारी 75.5% हो जाएगी।

  • नए कानूनों से सामाजिक सुरक्षा का कवरेज 85% तक बढ़ने की उम्मीद है।

  • मध्यम अवधि में कुल खपत में ₹75,000 करोड़ की वृद्धि होगी और लगभग 10 करोड़ लोगों को बेहतर नौकरी सुरक्षा मिलेगी।

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