E-commerce Dark Patterns India उपभोक्ताओं को धोखा देने वाली ऑनलाइन चालों यानी ‘डार्क पैटर्न’ पर केंद्र सरकार की सख्ती का असर अब दिखाई देने लगा है। देश की 26 प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों ने आधिकारिक रूप से यह घोषणा कर दी है कि वे अब ऐसी भ्रामक व्यापार प्रथाओं का इस्तेमाल नहीं करेंगी और उनके प्लेटफार्म पर अनुचित व्यापार प्रथाओं की कोई जगह नहीं है।
26 कंपनियों ने स्वैच्छिक घोषणा पत्र सौंपे
उपभोक्ताओं मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, इन 26 प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों ने डार्क पैटर्न रोकथाम के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्वैच्छिक घोषणा पत्र सौंपे हैं।
-
ऑडिट: कंपनियों ने यह भी बताया है कि उन्होंने प्लेटफार्म पर मौजूद ऐसी सभी भ्रामक प्रथाओं को पहचानने और समाप्ति के लिए आंतरिक ऑडिट या थर्ड पार्टी ऑडिट कराए हैं।
-
सरकारी चेतावनी: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) का कहना है कि इन 26 कंपनियों की पहल से बाकी ई-कॉमर्स कंपनियां भी नियमन को अपनाने के लिए प्रेरित होंगी। CCPA ने अन्य कंपनियों को भी डार्क पैटर्न तुरंत हटाने की चेतावनी दी है, वरना उन पर कार्रवाई तय है।
डार्क पैटर्न क्या है और क्या प्रतिबंधित हुआ
डार्क पैटर्न में डिजाइन और विकल्प आर्किटेक्चर का उपयोग करके उपभोक्ताओं को धोखा देना, मजबूर करना या प्रभावित करना शामिल है। इसका नतीजा यह होता है कि उपभोक्ता ऐसे विकल्प चुनते हैं जो उनके सर्वोत्तम हित में नहीं होते।
-
कानूनी कदम: डार्क पैटर्न रोकथाम और नियमन के लिए दिशा-निर्देश 30 नवंबर 2023 को अधिसूचित किए गए थे।
-
प्रतिबंधित प्रथाएं: इन दिशा-निर्देशों में 13 तरह के डार्क पैटर्न को प्रतिबंधित किया गया है, जिनमें ड्रिप प्राइसिंग, बाइट एंड स्विच, छिपा विज्ञापन, और झूठी तत्कालता (जैसे ‘सिर्फ 5 मिनट बाकी’ दिखाना) जैसी हेरफेर करने वाली प्रथाएं शामिल हैं।
-
प्रमुख कंपनियां: जिन कंपनियों ने यह घोषणा पत्र सौंपा है, उनमें FM Easy, Zepto, Market Place, Flipkart, MNT, Zomato, Swiggy, Blinkket, Big Basket, Jio, Tata 1mg, Meesho समेत कुल 26 कंपनियां शामिल हैं।
उपभोक्ताओं को मिलेगा सीधा लाभ
सरकार का कहना है कि उपभोक्ताओं को भ्रमित करने वाली किसी भी तकनीक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो भविष्य में कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। इस सख्ती का सीधा फायदा आम उपभोक्ता को मिलेगा, जिन्हें अब ऑनलाइन खरीदारी या सेवाएं लेते समय हेरफेर वाले विज्ञापनों और छिपी हुई कीमतों से मुक्ति मिलेगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
मुख्य बातें (Key Points)
-
केंद्र सरकार की सख्ती के बाद 26 प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों ने डार्क पैटर्न इस्तेमाल न करने की स्वैच्छिक घोषणा की है।
-
इन कंपनियों ने भ्रामक प्रथाओं को हटाने के लिए इंटरनल और थर्ड पार्टी ऑडिट कराए हैं।
-
सरकार ने 30 नवंबर 2023 को डार्क पैटर्न रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश अधिसूचित किए थे, जिसमें 13 तरह की हेरफेर वाली प्रथाएं प्रतिबंधित हैं।
-
Blinkit, Zepto, Zomato, Swiggy और Flipkart जैसी प्रमुख कंपनियां इस पहल में शामिल हैं।






