Mokshada Ekadashi Vrat मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस पावन दिन भगवान विष्णु और धन की मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
जानें मोक्षदा एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 नवंबर को रात 9:29 बजे शुरू हो रही है। यह तिथि अगले दिन यानी 1 दिसंबर को रात 7:01 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर को किया जाएगा।
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ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:11 बजे से 6:05 बजे तक।
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विजय मुहूर्त: दोपहर 1:57 बजे से 2:39 बजे तक।
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गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:23 बजे से 5:50 बजे तक।
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निशिता मुहूर्त: रात 11:46 बजे से रात 12:40 बजे तक।
व्रत का पारण (खोलने) का सही समय
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। व्रत का पारण शुभ फल की प्राप्ति कराता है। इस व्रत का पारण 2 दिसंबर को किया जाएगा, जिसका समय सुबह 6:51 बजे से 9:04 बजे तक है। व्रत का पारण करने के बाद मंदिर में या गरीब लोगों में अन्न, धन आदि चीज़ों का दान अवश्य करें।
एकादशी व्रत के दौरान क्या खाएं
इस पावन तिथि पर फलाहार व्रत किया जाता है। व्रत के दौरान आप निम्नलिखित चीज़ों का सेवन कर सकते हैं:
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फल: सभी प्रकार के फल खा सकते हैं, जैसे केला, सेब, संतरा, अंगूर आदि।
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डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर, और छाछ का सेवन किया जा सकता है।
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सात्विक व्यंजन: आलू, शकरकंद, अरबी, सिंघाड़े के आटे से बनी चीज़ें खाई जा सकती हैं।
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अनाज के विकल्प: कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, राजगीरा का उपयोग किया जा सकता है।
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सब्जियां और मसाले: टमाटर, गाजर, लौकी, ककड़ी आदि सात्विक सब्जियां खाएं। सेंधा नमक, काली मिर्च, अदरक, और हरी मिर्च का प्रयोग फलाहार में किया जा सकता है।
व्रत में इन चीज़ों से बचें
एकादशी के दिन कुछ चीज़ों का सेवन करना वर्जित माना जाता है:
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अनाज: अनाज, चावल, गेहूं, दालें और सामान्य नमक का सेवन न करें।
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तामसिक भोजन: लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा और अन्य तामसिक भोजन से दूर रहें।
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मसाले: हल्दी, हींग, राई, मेथी दाना आदि मसालों का प्रयोग न करें।
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भोजन की आदतें: बासी या दोबारा गर्म किया गया भोजन नहीं खाना चाहिए। एक बार में दो बार का भोजन करने से बचें।
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आचरण: घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें, किसी से वाद-विवाद न करें और किसी के बारे में गलत न सोचें।
मुख्य बातें (Key Points)
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मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर को रखा जाएगा, जिसका पारण 2 दिसंबर को सुबह 6:51 बजे से 9:04 बजे के बीच किया जाएगा।
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इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और सुख-शांति बनी रहती है।
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व्रत में फल, दूध, दही, और साबूदाना खाया जाता है, जबकि अनाज, चावल, सामान्य नमक और तामसिक भोजन वर्जित हैं।
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व्रत के दौरान वाद-विवाद न करने और घर में साफ-सफाई रखने का विशेष ध्यान रखना चाहिए।






