Mecca Accident 45 Indians Bodies Return : सऊदी अरब में हुआ बस हादसा 45 भारतीय उमरा यात्रियों के लिए उनकी आखिरी यात्रा बन गया। मक्का से मदीना जा रहे इन यात्रियों की बस की एक डीजल टैंकर से टक्कर हो गई, जिसके बाद बस में आग लग गई और सब कुछ पल भर में राख हो गया।
इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों के 18 लोगों की मौत हो गई, जिससे लगभग पूरा परिवार ही खत्म हो गया। ये लोग अपना उमरा पूरा कर चुके थे और घर लौटने की तैयारी कर रहे थे।
अब खबर है कि मारे गए सभी 45 भारतीयों का अंतिम संस्कार उनके रीति-रिवाजों के मुताबिक सऊदी अरब में ही किया जाएगा।
शव भारत क्यों नहीं लाए जा सकते?
पीड़ित परिवारों के लिए यह सवाल सबसे बड़ा है कि आखिर उनके अपनों के शव भारत वापस क्यों नहीं लाए जा रहे हैं।
इसके पीछे सऊदी अरब का एक सख्त कानून है। सऊदी के उमरा मंत्रालय की तरफ से इसे लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं।
यात्रा से पहले भरवाया जाता है ‘डिक्लेरेशन फॉर्म’
मक्का-मदीना की यात्रा पर जाने वाले सभी लोगों से एक डिक्लेरेशन फॉर्म भरवाया जाता है, जिस पर साइन किए बिना यह यात्रा नहीं की जा सकती।
इस फॉर्म पर साफ लिखा होता है कि अगर यात्रा के दौरान सऊदी की जमीन पर किसी की मौत हो जाती है, तो उसके शव को सऊदी में ही दफनाया जाएगा। शव को वापस उसके मूल देश नहीं भेजा जा सकता।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स यह दावा कर रही हैं कि परिवार को शव भारत लाने या मदीना के जन्नतुल बकी में दफनाने का विकल्प दिया जाएगा, लेकिन सऊदी कानून के मुताबिक शवों की वापसी लगभग नामुमकिन है।
कैसे मिलेगा डेथ सर्टिफिकेट?
सऊदी कानून के मुताबिक, जब भी किसी यात्री की मौत होती है, तो हज मंत्रालय इसकी जानकारी उस देश के हज मिशन को देता है। यह जानकारी सऊदी हज मंत्रालय की वेबसाइट पर भी डाली जाती है।
इसके बाद, हज दफ्तर के जरिए डेथ सर्टिफिकेट और अन्य जरूरी कागजात बनवाए जा सकते हैं।
मुआवजे का क्या है प्रावधान?
पीड़ित परिवारों को सऊदी सरकार से कोई तत्काल मुआवजा मिलना भी काफी मुश्किल है। सऊदी अरब में सड़क दुर्घटनाओं में सरकार की ओर से कोई सीधा मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है।
मुआवजा सिर्फ तभी मिल सकता है, जब पुलिस जांच में डीजल टैंकर ड्राइवर या संबंधित कंपनी की गलती साबित हो। इसके लिए पीड़ित परिवारों को कानूनी दावा दायर करना होगा, यह एक लंबी प्रक्रिया है जो कई महीनों तक चल सकती है।
मुख्य बातें (Key Points)
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सऊदी अरब बस हादसे में 45 भारतीय उमरा यात्रियों की मौत हो गई, जिसमें एक ही परिवार के 18 लोग शामिल थे।
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सऊदी कानून के कारण मारे गए लोगों के शवों को भारत वापस नहीं लाया जाएगा।
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यात्रा से पहले सभी यात्रियों से एक डिक्लेरेशन फॉर्म पर साइन करवाया जाता है कि मौत होने पर उन्हें सऊदी में ही दफनाया जाएगा।
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सऊदी में सड़क हादसों में सरकार से सीधे मुआवजे का प्रावधान नहीं है, इसके लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ती है।






