Bihar Election Phase 2 : बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में आज 122 सीटों पर वोटिंग हो रही है। इस चरण में सबकी निगाहें सीमांचल की उन सीटों पर टिकी हैं, जहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM मैदान में है। 2020 में 5 सीटें जीतकर सियासी हलचल मचाने वाले ओवैसी के लिए यह चुनाव ‘अग्निपरीक्षा’ जैसा है। अगर आज वे चूक गए, तो उनकी मुस्लिम सियासत पर सवालिया निशान लग सकता है।
सीमांचल की 24 सीटों पर आज मतदान हो रहा है। यहां करीब 47% मुस्लिम आबादी है, जो ओवैसी की राजनीति का मुख्य आधार है। लेकिन इस बार RJD, कांग्रेस और जनसुराज ने भी यहां पूरी ताकत झोंक दी है।
सीमांचल की 24 सीटों का गुणा-गणित
बिहार के इस उत्तर-पूर्वी इलाके में किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिले आते हैं। ओवैसी की पार्टी AIMIM दूसरे फेज में 17 सीटों पर लड़ रही है, जिनमें से 15 सीटें अकेले सीमांचल की हैं।
दूसरी ओर, महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस 12, आरजेडी 9, वीआईपी 2 और सीपीआई (एमएल) 1 सीट पर लड़ रही है। एनडीए में बीजेपी 11, जेडीयू 10 और लोजपा (आर) 3 सीटों पर है। सबसे ज्यादा दांव कांग्रेस और ओवैसी का लगा हुआ है।
ओवैसी के सामने 2020 दोहराने की चुनौती
2020 के चुनाव में ओवैसी ने 5 सीटें (अमौर, बहादुरगंज, बायसी, जोकीहाट और कोचाधामन) जीतकर महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया था। हालांकि, बाद में उनके 4 विधायक RJD में शामिल हो गए थे।
इस बार AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख़्तरुल ईमान खुद अमौर से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उनके लिए 2020 वाली सियासी राह आसान नहीं है।
महागठबंधन ने की ओवैसी की घेराबंदी
सीमांचल में मुस्लिम वोट निर्णायक हैं। किशनगंज में 67%, कटिहार में 42% और अररिया में 41% मुस्लिम आबादी है। कांग्रेस को इस इलाके से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि उसके तीन लोकसभा सांसद (कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज) इसी इलाके से हैं।
महागठबंधन ने ओवैसी के असर को कम करने के लिए इस बार खास रणनीति अपनाई। कांग्रेस ने सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को प्रचार में उतारा, तो वहीं सपा की सांसद इकरा हसन और अफजाल अंसारी ने भी मुस्लिम वोटों को बिखरने से रोकने की पूरी कोशिश की।
‘बीजेपी की बी-टीम’ का आरोप
इमरान प्रतापगढ़ी अपनी रैलियों में ओवैसी को ‘बीजेपी की बी-टीम’ बताते रहे। वहीं, इकरा हसन ने मुस्लिमों से अपील की कि अगर वोट बंटा, तो बीजेपी की सरकार बन जाएगी। अफजाल अंसारी ने भी ओवैसी पर मुसलमानों को बांटने का आरोप लगाया। महागठबंधन की इस चौतरफा घेराबंदी के बीच ओवैसी के लिए अपनी 5 सीटें बचाना भी बड़ी चुनौती बन गया है।
मुख्य बातें (Key Points):
- बिहार चुनाव के दूसरे चरण में सीमांचल की 15 सीटों पर ओवैसी की AIMIM मैदान में है।
- 2020 में ओवैसी ने यहां 5 सीटें जीती थीं, जिससे महागठबंधन को भारी नुकसान हुआ था।
- इस बार कांग्रेस और RJD ने ओवैसी की घेराबंदी के लिए इमरान प्रतापगढ़ी, इकरा हसन और अफजाल अंसारी को प्रचार में उतारा।
- महागठबंधन ने ओवैसी पर ‘बीजेपी की बी-टीम’ होने और मुस्लिम वोट बांटने का आरोप लगाया।






