Bihar Election 2025 : बिहार की राजनीति में हमेशा से यह माना जाता रहा है कि बिना ‘गॉडफादर’ या राजनीतिक विरासत के किसी महिला का विधानसभा पहुंचना बहुत मुश्किल है। लेकिन 2025 का यह चुनाव एक नई सुबह लेकर आया है। इस बार कई पेशेवर महिलाएं (वकील, गायिका, एक्टिविस्ट) बिना किसी राजनीतिक परिवार के सहारे मैदान में हैं और स्थापित दलों को कड़ी टक्कर दे रही हैं।
1. ऋतु जायसवाल (परिहार): ‘मुखिया दीदी’ की बगावत
ऋतु जायसवाल बिहार की राजनीति में एक विद्रोही चेहरा हैं। RJD की महिला प्रकोष्ठ की पूर्व अध्यक्ष, ऋतु को जब पार्टी ने टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने बगावत कर दी और सीतामढ़ी के परिहार से निर्दलीय मैदान में हैं। 2020 में वह RJD से लड़ीं और सिर्फ डेढ़ हजार वोटों से हारी थीं।
पहले मुखिया रहते हुए उन्होंने गांवों में सड़क, पानी और शिक्षा पर काफी काम किया है, जिससे महिलाएं उन्हें ‘मुखिया दीदी’ कहती हैं। उनकी इसी जमीनी पकड़ ने RJD और BJP दोनों की हवा टाइट कर दी है, आलम यह है कि खुद तेजस्वी यादव और योगी आदित्यनाथ को यहां प्रचार करने उतरना पड़ा है।
2. दिव्या गौतम (दीघा): ‘संघर्ष मेरी पहचान है’
पटना की दीघा सीट से भाकपा-माले की उम्मीदवार दिव्या गौतम पूर्व पत्रकार और थिएटर आर्टिस्ट हैं। वह सुशांत सिंह राजपूत की चचेरी बहन हैं, लेकिन वह कहती हैं, “मेरा संघर्ष मेरी पहचान है, न कि रिश्ते।”
सामाजिक आंदोलनों से निकलीं दिव्या, महागठबंधन का चेहरा हैं और बेरोजगारी, बाढ़ व शिक्षा जैसे शहरी मुद्दों पर बीजेपी के संजीव चौरसिया को कड़ी टक्कर दे रही हैं। उनका थीम सॉन्ग ‘परिवर्तन की लहर’ खूब वायरल हो रहा है।
3. मैथिली ठाकुर (अलीनगर): ‘मिथिला की बेटी’
25 वर्षीय लोक गायिका और सोशल मीडिया स्टार मैथिली ठाकुर बिहार की सबसे युवा उम्मीदवारों में से एक हैं। बीजेपी ने उन्हें ‘मिथिला की बेटी’ के तौर पर दरभंगा के अलीनगर से उतारा है। उनका मुकाबला RJD के पुराने नेता बिनोद मिश्र से है, जो उन्हीं की तरह ब्राह्मण हैं। मैथिली का अलीनगर का नाम बदलकर ‘सीतानगर’ करने का प्रस्ताव भी चर्चा में है।
4. छोटी कुमारी (छपरा): खेसारी को दे रहीं टक्कर
सारण के छपरा में बीजेपी ने छोटी कुमारी को उतारकर भोजपुरी सुपरस्टार और RJD उम्मीदवार खेसारी लाल यादव की नींद उड़ा दी है। 35 वर्षीय छोटी कुमारी का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है, लेकिन वह सामाजिक कार्यों और महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के जरिए गांव-गांव में पहचानी जाती हैं। वह जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
5. इंदू गुप्ता (हसनपुर): जन सुराज की उम्मीद
40 वर्षीय इंदू गुप्ता, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के टिकट पर समस्तीपुर के हसनपुर से मैदान में हैं। वह भी सालों से ग्रामीण इलाकों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से काम कर रही हैं। बिना किसी राजनीतिक गॉडफादर के, इंदू गुप्ता ने अपनी जमीनी सक्रियता के दम पर हसनपुर के मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
मुख्य बातें (Key Points):
- बिहार चुनाव 2025 में कई पेशेवर महिलाएं बिना राजनीतिक विरासत के चुनाव लड़ रही हैं।
- परिहार से निर्दलीय लड़ रहीं ऋतु जायसवाल RJD-BJP दोनों के लिए चुनौती बन गई हैं।
- दीघा से माले उम्मीदवार दिव्या गौतम (पूर्व पत्रकार) और अलीनगर से बीजेपी की मैथिली ठाकुर (गायिका) भी मैदान में हैं।
- छपरा में बीजेपी की छोटी कुमारी, भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव को कड़ी टक्कर दे रही हैं।






