Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी तेज हो गई है, लेकिन इस बार भी चर्चा का केंद्र सिर्फ चुनावी वादे नहीं हैं। असली सुर्खियां तो ‘बाहुबल’, ‘धनबल’ और उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास बटोर रहे हैं। उम्मीदवारों द्वारा दायर हलफनामों (Affidavits) से बिहार की राजनीति का वह कड़वा सच सामने आ रहा है, जहाँ करोड़ों की संपत्ति और दर्जनों आपराधिक मामले ही जीत की गारंटी माने जाते हैं।
मोकामा सीट: ‘छोटे सरकार’ और 100 करोड़ का कुनबा
बाहुबल और संपत्ति के इस खेल का सबसे बड़ा अखाड़ा पटना की मोकामा सीट बनी हुई है। यहां से JDU के कद्दावर नेता अनंत सिंह मैदान में हैं। ‘छोटे सरकार’ नाम से मशहूर अनंत सिंह ने अपने हलफनामे में 37.88 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है, जिसमें 2.70 करोड़ की टोयोटा लैंड क्रूजर जैसी लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं।
हालांकि, उनकी संपत्ति से ज्यादा लंबा उनका आपराधिक रिकॉर्ड है, जिसमें हत्या, अपहरण और अवैध हथियार रखने जैसे 28 गंभीर मामले दर्ज हैं। संपत्ति के मामले में उनकी पत्नी नीलम देवी (घोषित संपत्ति 62.72 करोड़) उनसे भी आगे हैं। इस दंपति की कुल संपत्ति 100 करोड़ रुपये के पार है।
मोकामा में ही ‘बेदाग’ दावेदार
इसी सीट पर RJD ने वीणा देवी को टिकट दिया है, जो बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी हैं। वीणा देवी ने 8.67 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। खास बात यह है कि उनके नाम पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है, जो उन्हें इस मुकाबले में एक अलग कतार में खड़ा करता है।
RJD और JDU के ‘दागदार’ चेहरे
यह हाल सिर्फ मोकामा का नहीं है। बाढ़ सीट से RJD उम्मीदवार कर्णवीर सिंह (लल्लू मुखिया) ने 17.72 करोड़ की संपत्ति बताई है और उन पर हत्या-डकैती जैसे 15 केस हैं। वहीं, दानापुर से RJD के रीतलाल राय 7.71 करोड़ की संपत्ति के साथ 30 से ज्यादा आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
JDU ने भी गोपालगंज के कुचायकोट से अमरेन्द्र पांडे (5.69 करोड़ संपत्ति, 14 केस) और एकमा से मनोरंजन सिंह ‘धूमल सिंह’ (3.27 करोड़ संपत्ति, 0 केस) को उतारा है।
विरासत संभालने उतरी नई पीढ़ी
बिहार की राजनीति में इस बार ‘आपराधिक विरासत’ संभालने वाली नई पीढ़ी भी मैदान में है। सीवान से RJD ने मरहूम मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब (2.31 करोड़ संपत्ति, 5 केस) को टिकट दिया है। वहीं, JDU ने बाहुबली आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद (1.46 करोड़ संपत्ति, 2 केस) को नबीनगर से उतारा है।
नवादा की वारिसलीगंज सीट पर तो मुकाबला ही बाहुबलियों की पत्नियों के बीच है। RJD ने गैंगस्टर अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी (1.31 करोड़) को, तो BJP ने बाहुबली अखिलेश सिंह की पत्नी अरुणा देवी (92.57 लाख) को टिकट दिया है।
क्या है धन और बाहुबल का यह खेल?
ये हलफनामे बिहार की राजनीति के उस स्याह पक्ष को दिखाते हैं, जहां कई उम्मीदवार अपने प्रभाव और पैसे के दम पर सत्ता तक पहुँचते हैं। एक तरफ अनंत सिंह जैसे 100 करोड़ी उम्मीदवार हैं, तो दूसरी तरफ रीतलाल राय जैसे नेता जिन पर 30 से ज्यादा केस हैं। मतदाता भी अब इन हलफनामों को देखकर यह तय कर रहे हैं कि कौन कितना ‘मजबूत’ है और कौन कानूनी पचड़ों में फंसा है। यह साफ है कि इस चुनाव में भी धन और दबदबा ही खेल का रुख तय करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
मुख्य बातें (Key Points):
- बिहार चुनाव 2025 में एक बार फिर ‘धनबल’ और ‘बाहुबल’ का बोलबाला दिख रहा है।
- JDU के अनंत सिंह और उनकी पत्नी की कुल संपत्ति 100 करोड़ रुपये के पार है; अनंत पर 28 आपराधिक मामले हैं।
- RJD के रीतलाल राय पर 30 से ज्यादा केस हैं, वहीं कर्णवीर सिंह पर हत्या-डकैती के 15 मामले दर्ज हैं।
- शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद भी आपराधिक मामलों के साथ चुनावी मैदान में हैं।






