Spiritual Lifestyle : वृंदावन के पूज्य संत प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) अपने सरल उपदेशों के लिए जाने जाते हैं, जो अक्सर आज की जीवनशैली पर सटीक बैठते हैं। हाल ही में, एक भक्त ने उनसे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा एक बहुत ही आम सवाल पूछा कि क्या गर्म पानी से स्नान करना उचित है?
इस पर महाराज जी ने जो जवाब दिया, वह आज की आरामदायक जीवनशैली पर एक बड़ी टिप्पणी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से गर्म पानी के इस्तेमाल के खिलाफ सलाह दी है।
गर्म पानी क्यों बनाता है ‘कमजोर’? प्रेमानंद महाराज ने भक्त के सवाल का जवाब देते हुए सीधे कहा, “अगर आप गर्म जल से स्नान करेंगे तो आप बहुत कमजोर हो जाएंगे।” उन्होंने समझाया कि आज का इंसान हर काम में जो आराम और सुविधा खोजता है, वही आदत उसकी सहनशक्ति (tolerance) और आंतरिक शक्ति (inner strength) को खा जाती है।
उनके अनुसार, गर्म पानी शरीर को क्षणिक (temporary) आराम तो देता है, लेकिन यह शरीर की प्राकृतिक ऊर्जा को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है। जब हम प्रकृति की ठंडक (जैसे ठंडे पानी) से डरने या बचने लगते हैं, तो हमारा शरीर और मन, दोनों ही नाजुक बन जाते हैं।
प्रेमानंद महाराज वृंदावन के एक श्रद्धेय संत हैं, जिनके रात्रि सत्संग और सलाह के वीडियो सोशल मीडिया पर लाखों लोग देखते हैं। लोग उनसे न केवल गहरी आध्यात्मिक शांति के लिए, बल्कि दैनिक जीवन में अनुशासन और आत्मबल बढ़ाने के लिए भी मार्गदर्शन लेते हैं। उनका यह उपदेश आधुनिक जीवनशैली के उस पहलू पर है, जहाँ लोग आराम को स्वास्थ्य से ऊपर मान लेते हैं।
ठंडे पानी के स्नान को बताया ‘तपस्या’ प्रेमानंद महाराज ने ठंडे जल से स्नान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मनुष्य को प्रकृति के साथ तालमेल बिठाना चाहिए, न कि उससे बचना चाहिए।
उन्होंने कहा, “जब व्यक्ति ठंडे जल से स्नान करता है, तो शरीर प्रकृति की ठंडक का सामना करना सीखता है।” उन्होंने बताया कि इससे न केवल रक्त संचार (blood circulation) बेहतर होता है, बल्कि मानसिक दृढ़ता आती है और शरीर में प्राकृतिक ऊर्जा का संचार होता है।
‘ब्रह्मचर्य’ से जोड़ा कनेक्शन महाराज जी ने इस आंतरिक शक्ति को ‘ब्रह्मचर्य’ के पालन के लिए भी आवश्यक बताया। उन्होंने समझाया कि ब्रह्मचर्य का अर्थ सिर्फ यौन संयम नहीं है, बल्कि अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना (channelize) है। जब शरीर मजबूत और मन संयमित होगा, तभी व्यक्ति अपने जीवन के सही कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाएगा।
खबर की मुख्य बातें (Key Points)
- महाराज जी की सलाह: प्रेमानंद महाराज ने सलाह दी है कि गर्म पानी से स्नान करने से शरीर “बहुत कमजोर” हो जाता है।
- आराम का नुकसान: उन्होंने कहा कि सुविधा और आराम की आदत इंसान की सहनशक्ति और आंतरिक शक्ति को खत्म कर देती है।
- ठंडे पानी के फायदे: ठंडे पानी से स्नान करने से रक्त संचार बढ़ता है, मानसिक दृढ़ता आती है और इसे एक ‘तपस्या’ माना गया है।
- ब्रह्मचर्य से संबंध: महाराज जी के अनुसार, यह शारीरिक और मानसिक मजबूती ‘ब्रह्मचर्य’ (ऊर्जा को सही दिशा देना) के पालन के लिए भी आवश्यक है।






