Ropar Court on Navneet Chaturvedi Case – राज्यसभा उपचुनाव में कथित फर्जीवाड़े के आरोपी नवनीत चतुर्वेदी की कस्टडी को लेकर पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस आमने-सामने आ गई हैं। इस बीच, रोपड़ की स्थानीय अदालत ने चंडीगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि नवनीत चतुर्वेदी के खिलाफ अरेस्ट वारंट पहले ही जारी किए जा चुके हैं, ऐसे में चंडीगढ़ पुलिस को इसे तुरंत लागू करना चाहिए।
चंडीगढ़ पुलिस पर कोर्ट का सख्त रुख
रोपड़ कोर्ट ने चंडीगढ़ के सेक्टर-3 थाने के SHO नरेंद्र पटियाल से पूछा है कि आखिर किस आधार पर नवनीत चतुर्वेदी को कस्टडी में रखा गया है। कोर्ट ने चार दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, कोर्ट ने चंडीगढ़ की SSP से भी वारंट के पालन को लेकर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट ने भी मांगा जवाब
इससे पहले, नवनीत चतुर्वेदी द्वारा दायर याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब तलब किया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को 4 नवंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। नवनीत ने अपनी याचिका में कहा कि उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, लेकिन अभी तक उसे इसकी पूरी जानकारी नहीं दी गई है। उसने यह भी कहा कि उसके नामांकन फॉर्म को लीक कर कुछ विधायकों पर दबाव डाला गया ताकि वे समर्थन वापस लें।
पंजाब सरकार और चंडीगढ़ पुलिस में टकराव
पंजाब सरकार ने अदालत में कहा कि उनके पास कोर्ट द्वारा जारी वारंट मौजूद हैं, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस आरोपी को उनके हवाले नहीं कर रही। बताया जा रहा है कि नवनीत फिलहाल चंडीगढ़ पुलिस की कस्टडी में है, जबकि पंजाब पुलिस ने सेक्टर-3 थाने के बाहर डेरा डाल रखा है।
राज्यसभा उपचुनाव का बैकग्राउंड
यह विवाद तब शुरू हुआ जब नवनीत चतुर्वेदी ने पंजाब से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया था। उसने दावा किया था कि उसे AAP (Aam Aadmi Party) के 10 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। बाद में विधायकों ने इस दावे को झूठा बताया और फर्जी हस्ताक्षर की शिकायत की। इसके बाद रोपड़ पुलिस ने नवनीत पर केस दर्ज किया और उसे गिरफ्तार करने के लिए चंडीगढ़ पहुंची।
सुखना लेक पर पुलिस आमने-सामने
14 अक्टूबर को जब पंजाब पुलिस नवनीत को पकड़ने पहुंची, तब वह चंडीगढ़ पुलिस की सुरक्षा में था। सुखना लेक पर दोनों राज्यों की पुलिस के बीच तनाव इतना बढ़ गया कि हथियार तक निकल आए। बाद में SSP कंवरदीप ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को सेक्टर-3 थाने में ले जाया और पंजाब पुलिस से कागजात मांगे।
गाड़ी और सिक्योरिटी पर भी सवाल
मंगलवार को चंडीगढ़ पुलिस ने जिस गाड़ी में नवनीत को बैठाया था, उस पर लाल बत्ती और नाम की प्लेट लगी हुई थी। अगले दिन वही गाड़ी बिना बत्ती और बिना नाम की दिखाई दी। सूत्रों के अनुसार, यह वही वाहन है जो पहले DCP सेंट्रल के पास थी, लेकिन अब थाने में उपयोग की जा रही है।
मामले की गहराई – कोर्ट के लिए बड़ा सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल राज्यसभा उपचुनाव पर बल्कि चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कोर्ट अब यह तय करेगा कि किस एजेंसी के पास आरोपी की कस्टडी का अधिकार है और क्या गिरफ्तारी की प्रक्रिया कानूनी रूप से सही थी या नहीं।
मुख्य बातें (Key Points):
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रोपड़ कोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए चार दिन में रिपोर्ट मांगी।
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कोर्ट ने SSP और SHO से पूछा – नवनीत चतुर्वेदी को किस केस में हिरासत में रखा गया है।
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हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को 4 नवंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।
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राज्यसभा उपचुनाव फर्जीवाड़े में AAP के 10 विधायकों के नाम इस्तेमाल करने का आरोप।
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सुखना लेक पर पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस आमने-सामने, कोर्ट अब करेगा अंतिम फैसला।






