गुजरात, 13 अक्टूबर (The News Air) गुजरात में किसानों के दमन की सारी हदें पार कर चुकी भाजपा सरकार के खिलाफ आगामी 31 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल महापंचायत करेंगे। यह जानकारी साझा करते हुए गुजरात के प्रभारी गोपाल राय ने बताया कि रविवार को किसान अपनी फसल के सही दाम मांगने को लेकर बोटाद मंडी में पंचायत करने गए लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद किसान हड़दड़ गांव में पंचायत कर रहे थे, जहां भाजपा के इशारे पर पुलिस ने उन पर लाठी डंडे- बरसाए, 250 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया। घरों में घुस कर पुलिस ने मां-बहनों के साथ बदसलूकी और दुश्मनों जैसा बर्ताव किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इस दमन चक्र के खिलाफ सोमवार को पूरे प्रदेश में “आप” ने किसानों के साथ काला दिवस मनाया। अगर भाजपा सरकार किसानों को सम्मान, न्याय और सही दाम नहीं देती है तो “आप” प्रदेश व्यापी आंदोलन चलाएगी।
सोमवार को “आप” मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर गोपाल राय ने कहा कि रविवार को गुजरात में भाजपा सरकार ने बर्बर तरीके से निर्दोष किसानों पर लाठियां बरसाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े और दमन चक्र चलाया। पूरे दिन और रातभर गिरफ्तारियां हुईं। ऐसा लग रहा है कि भाजपा सरकार किसानों की दुश्मन बन गई है। जैसे किसी शत्रु पर हमला किया जाता है, वैसे ही भावनगर जिले के बोटाद विधानसभा क्षेत्र के हडधड़ गांव में किसानों पर जुल्म ढाया गया। वहां किसान महापंचायत कर रहे थे, लेकिन भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस ने गांव को चारों तरफ से घेरकर दमन शुरू किया। यह दमन चक्र अभी भी जारी है।
गोपाल राय ने बताया कि यह मामला बोटाद मंडी से शुरू हुआ। गुजरात में कपास और मूंगफली की फसल तैयार हो चुकी है। किसान अपनी फसल मंडियों में लेकर जाते हैं, लेकिन वहां भाजपा सरकार और भाजपा के चेयरमैनों ने करदा प्रथा’ नामक शोषणकारी व्यवस्था लागू कर रखी है। इस प्रथा के तहत फसल का कुछ हिस्सा तय दाम पर खरीदा जाता है, लेकिन बाकी हिस्से को बेकार बताकर किसानों को या तो कम दाम पर बेचने को मजबूर किया जाता है या फसल वापस घर ले जाने को कहा जाता है। इस शोषण, जुल्म और अत्याचार के खिलाफ 10 अक्टूबर को बोटाद मंडी में किसानों ने शांतिपूर्वक अपनी आवाज बुलंद की थी।
गोपाल राय ने बताया कि आम आदमी पार्टी के किसान नेता राजूभाई करपड़ा के नेतृत्व में किसानों और स्थानीय किसान नेताओं ने मंडी समिति और चेयरमैन के सामने अपनी फरियाद रखी, लेकिन भाजपा समर्थित मंडी समिति ने सुनने से इनकार कर दिया। इसके बाद, मंडी समिति ने षड्यंत्र रचते हुए किसानों को भगाने के लिए शाम को नोटिस लगाकर मंडी को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया। किसान अपनी मांगों के साथ रातभर डटे रहे, लेकिन भाजपा सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी। रात चार बजे पुलिस ने राजूभाई करपड़ा और अन्य किसान नेताओं को घेरकर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उन्हें दिनभर इधर-उधर घुमाती रही, जबकि मंडी में तालाबंदी कर किसानों पर दबाव बनाया गया और उन्हें जबरन हटाया गया।
गोपाल राय ने बताया कि किसानों ने ऐलान किया था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे आंदोलन जारी रखेंगे। इसके लिए रविवार को बोटाद मंडी में किसान पंचायत का आयोजन किया गया था, लेकिन भाजपा सरकार ने मंडी को पुलिस छावनी में बदल दिया। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी और युवा अध्यक्ष बृजराज सोलंकी सहित दर्जनों किसान नेताओं को रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया गया। जब किसानों को मंडी में पंचायत की अनुमति नहीं मिली, तो उन्होंने बोटाद से 3-4 किलोमीटर दूर हड़दड़ गांव में शांतिपूर्वक पंचायत शुरू की।
गोपाल राय ने बताया कि लेकिन भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस ने हड़दड़ गांव को चारों तरफ से घेर लिया। कुछ पुलिसकर्मियों को गुप्त रूप से सभा में भेजा गया। सभा चल रही थी, तभी पुलिस ने सभा पर पहले पथराव किया और फिर लाठीचार्ज शुरू करके आंसू गैस छोड़ी। गोपाल राय ने कहा कि ऐसा दर्दनाक मंजर शायद अंग्रेजों के जमाने में भी नहीं देखा गया। हड़दड़ गांव में हर घर का दरवाजा तोड़ा गया। बिना अनुमति पुलिस घरों में घुसी, जहां मां-बेटियां थीं। 250 से अधिक नौजवानों को हिरासत में लिया गया, लेकिन पुलिस केवल 20 लोगों की बात स्वीकार रही है। हिरासत में लिए गए लोगों को न खाना दिया गया, न पानी। बाकी लोगों का कोई पता नहीं है और पुलिस कुछ बताने को तैयार नहीं है। भाजपा सरकार ने पट्टी बांध रखी है और किसान लाचार घूम रहा है।
गोपाल राय ने कहा कि भाजपा सरकार ने पूरे गांव को दुश्मन घोषित कर दिया है। यह दमन चक्र किसानों की आवाज को दबा नहीं सकता। आम आदमी पार्टी ने सोमवार को पूरे गुजरात में भाजपा सरकार के इस अत्याचार के खिलाफ काला दिवस मनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हडधड़ गांव में बहन-बेटियों को अपमानित किया गया, जिसके खिलाफ पूरे प्रदेश में विरोध होगा। गुजरात की 400 मंडियों, जिनमें 200 बड़ी और 200 छोटी मंडियां शामिल हैं। इन मंडियों तक हडधड़ का संदेश पहुंचाया जाएगा। आम आदमी पार्टी के नेता और किसान नेता मिलकर हर मंडी में जनसुनवाई करेंगे और किसानों के दुख-दर्द को सुनेंगे।
गोपाल राय ने बताया कि 31 अक्टूबर को गुजरात में महापंचायत होगी, जिसमें आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी शामिल होंगे। गोपाल राय ने चेतावनी दी कि अगर भाजपा सरकार किसानों को न्याय, सम्मान और उनकी फसलों का उचित दाम नहीं देती, तो यह आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अगर यह सोचती है कि लाठियों, आंसू गैस और गिरफ्तारियों से किसानों को डराया जा सकता है, तो वह गलतफहमी में है। गुजरात वही राज्य है, जहां खेड़ा आंदोलन और 1974 के छात्र आंदोलन ने सरकारों को झुकाया था। 1987 में भी जब कांग्रेस सरकार ने किसानों पर गोली चलाई थी, तब गुजरात की जनता ने उसे उखाड़ फेंका था।
गोपाल राय ने कहा कि अगर भाजपा सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय नेताओं को जेल में डालकर और लाठियां चलाकर आवाज दबाने की कोशिश करेगी, तो गुजरात की जनता एक ही जवाब देगी, या तो किसानों की मांगें सुनो, या विदाई के लिए तैयार रहो। यह आंदोलन शांतिपूर्ण और सत्याग्रह के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने भाजपा सरकार से अहंकार छोड़ने और किसानों की जायज मांगों को मानने की अपील की। गोपाल राय ने कहा कि जिस तरह पुलिस ने घरों में घुसकर मां-बहनों को अपमानित किया और पूरे गांव पर हमला किया, वह बर्दाश्त नहीं होगा।
गोपाल राय ने देश के सभी किसान नेताओं और पार्टियों से अपील की कि वे गुजरात के किसानों के साथ खड़े हों। गोपाल राय ने कहा कि अगर भाजपा यह सोच रही है कि उनकी 30 साल से गुजरात में हुकूमत है और कोई कुछ बोलने-करने वाला नहीं है, तो अब वह दिन दूर नहीं जब किसानों पर दमन का जवाब जनता देगी। 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर सभी मंडियों के प्रतिनिधि महापंचायत में शामिल होंगे। अगर भाजपा सरकार ने किसानों के सम्मान, न्याय और फसलों के दाम की गारंटी नहीं दी, तो वह प्रदेशव्यापी आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।






