नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (The News Air) आम आदमी पार्टी के ऑटो विंग के दिवाली मिलन समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शामिल हुए। पार्टी मुख्यालय में आयोजित समारोह में अरविंद केजरीवाल ने ऑटो वालों की समस्याएं भी सुनी। इस दौरान उन्होंने कहा कि ऑटो वाले भाइयों से मेरा रिश्ता बहुत पुराना और दिल से जुड़ा है। उनसे मिलकर हमेशा एक अपनापन महसूस होता है। “आप” सरकार में ऑटो वालों को कई सहूलियतें और छूट दी गई। हमने ऑटो वालों के लिए बहुत काम किया। उन्होंने कहा कि सरकार बदलते ही एक अब बार फिर ऑटो वालों का शोषण शुरू हो गया है। इन्होंने चुनाव के दौरान ऑटो वालों को सात सौगातें देने का वादा किया था, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया। इस दौरान “आप” दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज समेत ऑटो विंग के पदाधिकारी मौजूद रहे।
“आप” मुख्यालय पर आयोजित ऑटो विंग के दीपावली मिलन समारोह में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब 2013 में आम आदमी पार्टी पहली बार चुनाव लड़ी थी, तब ऑटो वाले कांग्रेस की सरकार से भी इतने ही परेशान थे, जितना वर्तमान सरकार में परेशान है। आज की तरह कांग्रेस सरकार में भी ऑटो वालों की बात कोई नहीं सुनता था। ऑटो वालों को विलेन बना रखा था। लोग कहते थे कि ऑटो वाले चोर हैं, लुटेरे हैं। ज्यादा पैसा वसूलते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2013 में जब मैं रामलीला मैदान में ऑटो वालों की रैली में आया था, तब मिडिल क्लास के कुछ लोगों ने कहा था कि आम आदमी पार्टी ऑटो चालकों से मिली हुई है। वह जितना उनसे मिलेगी, उसे उतने कम वोट मिलेंगे। इसके बाद भी मैंने हर कॉलोनी में जाकर लोगों को समझाया कि अगर ऑटो वाले चोर होते, तो बड़े-बड़े मकान बना लेते, लेकिन ये आज भी झुग्गियों में रहते हैं। ऑटो वाले कुछ ज्यादा किराया लेते हैं तो उसके पीछे सरकार का खराब सिस्टम जिम्मेदार है। अगर सही मीटर और उचित किराया मिले, तो हर ऑटो चालक ईमानदारी से ऑटो चलना चाहेगा। क्योंकि सवारी तो उसके लिए भगवान है। कोई ऑटो वाला अपनी सवारी के साथ किराए के लिए विवाद नहीं चाहता है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस, ट्रांसपोर्ट विभाग और पांच नंबर वाले ऑटो वालों को तंग करते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले दिल्ली में ऑटो वालों की आवाज उठाई और हमारी सरकार ने ऑटो वालों के लिए बहुत काम किया। दिल्ली में 10 साल आम आदमी पार्टी की सरकार रही, इस दौरान मैं ऑटो वालों को कभी नहीं भूला। इन लोगों ने तो औरों वालों के घर भी नहीं छोड़े। यह देखकर मुझे बहुत तकलीफ होती है कि आज बुलडोजर से झुग्गियां तोड़ी जा रही हैं, बच्चों की किताबें-कॉपियां बुलडोजर के नीचे दबकर नष्ट हो रही हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली चुनाव से पहले इन्होंने ने झुग्गी वालों को अनेक प्रलोभन दिए, लेकिन आज झुग्गी वाले सड़कों पर हैं। इन्होंने ‘जहां झुग्गी, वहां मकान’ का वादा किया था, लेकिन सरकार बनाते ही ‘जहां झुग्गी, वहां मैदान’ बना दिया है। ऑटो चालकों से अपील की कि वे अगले चुनाव में एकजुट होकर आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत से जिताएं। उन्होंने कहा कि अब थोड़ा इंतजार करना होगा, फिर ऑटो वाले आम आदमी पार्टी की सरकार वापस लाएंगे।
अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर कहा कि पार्टी दफ़्तर में रविवार को दिल्ली के हमारे ऑटो चालक भाई दिवाली मिलन के लिए आए हुए थे। जैसे ही मुझे पता चला, मैं भी तुरंत उनसे मिलने पहुंच गया। ऑटो वाले भाइयों से मेरा रिश्ता बहुत पुराना और दिल से जुड़ा है। उनसे मिलकर हमेशा एक अपनापन महसूस होता है। सभी ऑटो चालक भाइयों को दीपावली और आने वाले सभी त्योहारों की ढेर सारी शुभकामनाएँ। आप सभी हमेशा मुस्कुराते रहें, आपका परिवार खुशहाल रहे, प्रभु से यही कामना है।
इस दौरान आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को इस समारोह के बारे में पता नहीं था। आज उनके कई व्यस्त कार्यक्रम भी थे। लेकिन ऑटो चालक भाई उनसे मिलना चाहते थे। इसलिए मैने उन्हें एक वॉट्सएप मैसेज भेज कर समारोह में आने का अनुरोध किया। अरविंद केजरीवाल यहां आने के लिए तुरंत तैयार हो गए और अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद आए। यह एक साधारण सा कार्यक्रम था, कोई बड़ा आयोजन नहीं था। लेकिन अरविंद केजरीवाल का यही बड़प्पन है कि वे बिना किसी तामझाम और बड़े इंतजाम के, इस छोटे से कार्यक्रम में शामिल होने चले आए। यह दिखाता है कि ऑटो चालक भाइयों और अरविंद केजरीवाल के बीच वर्षों पुराना रिश्ता आज भी उतना ही मजबूत है। आज दिल्ली के सभी ऑटो चालक भाई मौजूदा सरकार से परेशान हैं और अरविंद केजरीवाल को याद कर रहे हैं।
वहीं, ऑटो चालकों ने अपनी समस्याएं बताई। उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली सरकार के पोर्टल पर फिटनेस, परमिट और अन्य फीस आसानी से जमा हो जाती थीं, लेकिन अब इसे केंद्रीय पोर्टल में बदल गया है। इस बदलाव ने छोटी-छोटी तकनीकी खामियों को जटिल बना दिया है। अगर आधार कार्ड और आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) में एक अक्षर की भी त्रुटि हो, तो फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं बनता। फीस जमा करने से लेकर डाउनलोड करने तक हर कदम पर ओटीपी मांगा जाता है। प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने में भी यही झंझट है। यदि यही हालत बनी रही, तो फिटनेस और परमिट सर्टिफिकेट मिलने में दिक्कतें आ रही हैं। अगर ऐसा ही रहा तो अगले छह महीनों में दिल्ली के 20 फीसद ऑटो सड़कों से गायब हो जाएंगे।
ऑटो चालकों ने यह भी कहा कि अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पर कोई कार्रवाई नहीं होती। अधिकारियों में कोई डर ही नहीं है, बल्कि शिकायत के बाद अधिकारी और भी काम नहीं करते हैं। गाड़ी पास कराने के लिए रिश्वत देनी ही पड़ती है। इसके बाद भी गाड़ी पास होने की नहीं है। ऑटो वालों पर फिर से शुल्क का बोझ डाला जा रहा है। “आप” सरकार ने फिटनेस और परमिट सर्टिफिकेट शुल्क जीरो के दिया था, लेकिन इन्होंने वापस लगा दिया। ऑटो वालों के विरोध के बाद वापस तो ले लिया है लेकिन फिर लगाने की बात चल रही है।
ऑटो चालकों ने बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने 511 ऑटो स्टैंड बनवाए थे, लेकिन अब ट्रैफिक पुलिस उन्हें हॉल्ट एंड गो के नाम पर परेशान कर रही है। स्टैंड के ठीक सामने खड़े हों, तो ठीक; जरा पीछे हटे, तो फोटो खींचकर चालान कर दिया जाता है। चालान सीधे पते पर पहुंच जाता है और पता ही नहीं चलता कि कब चालन कटा। भाजपा ने दिल्ली चुनाव के दौरान ऑटो वालों से सात सौगातें देने का वादा किया था। इसमें बच्चों को मुफ्त शिक्षा-वजीफा, जीवन बीमा, पक्के मकान, हॉल्ट एंड गो स्टैंड आदि शामिल थे। लेकिन अभी तक एक भी वादा पूरा नहीं किया। ‘जहां झुग्गी, वहां मकान’ का वादा था, लेकिन अब वहां मैदान बन गया।






