चंडीगढ़, 2 अक्टूबर (The News Air): पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में वाहनों के चालान और रजिस्ट्रेशन घपले पर सख्त रुख अपनाया है और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। यह कदम लुधियाना के आरटीआई कार्यकर्ता रविंदर कटारिया द्वारा दायर जनहित याचिका पर उठाया गया।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि परिवहन विभाग के अधिकारी ओवरलोड वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194 के तहत निर्धारित जुर्माना वसूलने के बजाय बहुत कम राशि वसूल रहे हैं या कई मामलों में बिल्कुल वसूल नहीं रहे। इसके चलते अगस्त 2023 से फरवरी 2025 तक सरकारी खजाने को 12.26 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
याचिका में दूसरा बड़ा आरोप स्क्रैप और चोरी किए गए वाहनों की गैर-कानूनी रजिस्ट्रेशन का है। दावा किया गया कि परिवहन विभाग के कर्मचारी मिलकर नकली दस्तावेज बनाकर कबाड़ वाहनों को नए नंबरों के साथ रजिस्टर्ड कर रहे हैं।
इससे पहले इसी मामले में हाईकोर्ट ने अधिकारियों के ढीले रवैये पर नाराज़गी जताई थी और 8 मई को संबंधित अधिकारियों की एक-तिहाई तनख्वाह पर रोक लगा दी थी। अब चीफ जस्टिस शीला नागू और जस्टिस संजीव बेरी की बेंच ने राज्य सरकार, परिवहन विभाग के अधिकारियों, डीजीपी और विजिलेंस ब्यूरो को नोटिस जारी कर 9 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
पंजाब में वाहन चालान और रजिस्ट्रेशन से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार की खबरें पहले भी सामने आती रही हैं। कई बार विभागीय कर्मचारियों की मिली-भगत से ओवरलोड वाहनों से जुर्माना वसूली में गड़बड़ी और चोरी/स्क्रैप वाहनों की गैरकानूनी रजिस्ट्रेशन की घटनाएँ उजागर हुई हैं। पिछले कुछ सालों में इस प्रकार की घटनाओं से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। हाईकोर्ट लगातार इस मामले में सख्त रवैया अपनाकर जवाबदेही तय करने की कोशिश कर रहा है।
मुख्य बातें (Key Points):
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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने वाहनों के चालान और रजिस्ट्रेशन घोटाले पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया।
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ओवरलोड वाहनों पर जुर्माना कम वसूलने से 12.26 करोड़ रुपये का नुकसान।
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स्क्रैप और चोरी वाहन रजिस्ट्रेशन में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत का आरोप।
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हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर तक सरकार और विभागों से जवाब मांगा।






