Navratri 2025: नवरात्रि के पावन अवसर पर मां दुर्गा की आराधना करने वाले भक्त पूरे 9 दिन व्रत और पूजा-पाठ करते हैं। इस दौरान अष्टमी और नवमी का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इन दिनों कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि कन्या पूजन किए बिना नवरात्रि अधूरी मानी जाती है। यह मां दुर्गा के आशीर्वाद को पाने का सीधा मार्ग है।
कन्या पूजन का महत्व : हिंदू धर्मग्रंथों में कन्या पूजन को अत्यंत शुभ माना गया है। कन्याओं में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। उन्हें सम्मान देकर भोजन कराना और भेंट देना इस अनुष्ठान का हिस्सा है। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का वास माना जाता है। लेकिन कई बार लोग अनजाने में कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे पूरे व्रत और पूजा का फल कम हो सकता है।
कन्या पूजन के दौरान इन 5 गलतियों से बचें
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काले रंग की वस्तु न भेंट करें – धार्मिक मान्यता के अनुसार कन्या पूजन के समय काले रंग की चीजें भेंट में देना अशुभ माना जाता है।
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स्टील की कटोरी या थाली न दें – भेंट में स्टील के बर्तनों का उपयोग उचित नहीं है। इसकी जगह अन्य धातु के बर्तन दिए जा सकते हैं।
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लोहे की वस्तुएं न भेंट करें – कन्या पूजन में लोहे का सामान देना शनि दोष को आमंत्रित करता है।
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जबरदस्ती भोजन न कराएं – यदि कन्याएं अधिक भोजन न कर सकें तो उन पर दबाव डालना उचित नहीं है।
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लेदर की वस्तुएं न दें – भेंट में ऐसी कोई भी चीज न दें जिसमें चमड़े का प्रयोग हुआ हो।
नवरात्रि वर्ष में दो बार चैत्र और शारदीय रूप से मनाई जाती है। इसके अलावा गुप्त नवरात्रि भी दो बार होती है। अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इन्हें मां दुर्गा के नवरूपों का प्रतिरूप माना जाता है। श्रद्धालु कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उन्हें भोजन और भेंट देते हैं। मान्यता है कि इससे मां दुर्गा शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
मुख्य बातें
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नवरात्रि में कन्या पूजन बिना किए व्रत अधूरा माना जाता है।
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भेंट में काला रंग, स्टील, लोहे या लेदर की वस्तुएं न दें।
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कन्याओं को जबरन भोजन कराने की गलती से बचें।
- कन्या पूजन को मां दुर्गा का सीधा आशीर्वाद प्राप्त करने का मार्ग माना जाता है।
डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)






