Semiconductor Industry को लेकर भारत में एक बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार की कैबिनेट ने पंजाब के मोहाली में अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल चार सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी मिली है, जिनमें पंजाब के साथ ओडिशा और आंध्र प्रदेश भी शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इन प्रोजेक्ट्स पर कुल 4,594 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके तहत मोहाली में एक हाई-टेक सेमीकंडक्टर पार्क तैयार किया जाएगा, जो आने वाले समय में पंजाब को देश का एक प्रमुख तकनीकी हब बना सकता है।
छह महीने में शुरू होगा निर्माण
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सेमीकंडक्टर एक रणनीतिक उद्योग है, जो किसी भी देश की तकनीकी और आर्थिक ताकत की नींव रखता है। देश में सेमीकंडक्टर की मांग लगातार बढ़ रही है और इसी जरूरत को देखते हुए 2022 से इस दिशा में योजनाएं तेज़ी से आगे बढ़ाई जा रही हैं।
इस बार मंजूर हुए चार प्रोजेक्ट्स में दो ओडिशा, एक आंध्र प्रदेश और एक पंजाब में लगाए जाएंगे। इनमें से ओडिशा का प्लांट सिलिकॉन कार्बाइड तकनीक से जुड़ा होगा, जिसका इस्तेमाल मिसाइल, स्पेस उपकरण और रेलवे इंजनों में किया जाएगा। वहीं, आंध्र प्रदेश में एसिप प्लांट बनेगा और पंजाब का सीडीआईएल प्लांट कोरिया की एक कंपनी के साथ साझेदारी में तैयार किया जाएगा।
मोहाली के लिए पंजाब सरकार की रणनीति
पंजाब सरकार पहले से ही मोहाली को सेमीकंडक्टर उद्योग का केंद्र बनाने के लिए तैयारियों में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हाल ही में चंडीगढ़ में उद्योग के दिग्गजों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई है। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर चिप्स आधुनिक तकनीक का आधार हैं, जो स्मार्टफोन से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक हर चीज़ में जरूरी हैं।
मान के मुताबिक, यह उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में हर साल 20 से 23% की दर से योगदान कर रहा है। इसी वजह से पंजाब में एक विशेष सेमीकंडक्टर पार्क का निर्माण राज्य की प्राथमिकता है।
मामले की पृष्ठभूमि
भारत ने 2022 से “Make in India” और “Digital India” अभियानों के तहत हाई-टेक इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की नीति अपनाई है। सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इसी विज़न का अहम हिस्सा है, क्योंकि देश अभी तक बड़ी मात्रा में चिप्स का आयात करता है। घरेलू उत्पादन बढ़ने से न केवल आयात पर निर्भरता घटेगी बल्कि AI, Defence, Space और ऑटोमोबाइल सेक्टर को नई रफ्तार मिलेगी।






