पटियाला, 4 अगस्त (The News Air) पंजाब सरकार द्वारा नौवें पातशाह एवं हिंद दी चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को यादगार समारोह के रूप में मनाने के लिए अहम निर्णय के तहत विभिन्न धार्मिक समारोहों संबंधी कैबिनेट मंत्रियों के समूह के सदस्य मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ व तरुणप्रीत सिंह सौंद ने जिले के विधायकों, अधिकारियों, काउंसिलरों, व्यापारी प्रतिनिधियों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।
इस अवसर पर उन्होंने जिला प्रशासन को समस्त प्रोग्रामों की विस्तार से जानकारी दी और संगत की सुविधा हेतु किए जाने वाले प्रबंधों के लिए निर्देश दिए। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के पवित्र स्थल गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब और गुरुद्वारा श्री मोतीबाग साहिब में नतमस्तक हुए, समारोहों की सफलता के लिए अरदास की और संगत से इन कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर शामिल होने की विनती भी की।
इस दौरान दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने बताया कि पंजाब में 135 स्थल श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की चरण छोह प्राप्त हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक 35 स्थल पटियाला जिले में हैं, जिनके चहुंमुखी विकास के लिए 70 करोड़ रुपये की परियोजनाएं बनाई गई हैं। उनके साथ विधायक चेतन सिंह जौड़ामाजरा, नीना मित्तल, हरमीत सिंह पठानमाजरा व गुरलाल घनौर समेत पर्यटन विभाग के सलाहकार दीपक बाली, पर्यटन विभाग के सचिव अभिनव त्रिखा, पी.आर.टी.सी. चेयरमैन रणजोध सिंह हड़ाना, नगर निगम के मेयर कुंदन गोगिया, जिला योजना समिति चेयरमैन जसबीर सिंह, डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव भी उपस्थित रहे।
कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. व तरुणप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि गुरु तेग बहादुर साहिब की कुर्बानी जैसी मिसाल दुनिया में कहीं और नहीं मिलती, जिसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार समस्त संगत के सहयोग से गुरु साहिबान के विचारों को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाने हेतु बड़े प्रोग्राम बना रही है।
उन्होंने बताया कि यह दिवस 19 नवंबर से 25 नवंबर तक 6 दिन राज्य स्तरीय समारोह आयोजित कर राज्य सरकार द्वारा एक नम्र सेवक के रूप में पूरी श्रद्धा व गुरमत मर्यादा अनुसार मनाया जाएगा। इसके लिए समस्त अधिकारी अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से एक श्रद्धालु की तरह निभाएं, क्योंकि हमारे लिए यह बेहद भाग्यशाली अवसर है जब हम 350वीं शताब्दी समारोह मना कर श्री गुरु तेग बहादुर जी की अद्वितीय शहादत व धार्मिक विरासत को सम्मान देने जा रहे हैं।
इस मौके पर सलाहकार दीपक बाली ने जिला अधिकारियों को प्रोग्रामों के दौरान एक सेवक की तरह कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि गुरु साहिब की अतुलनीय शहादत का दिवस हमारे लिए सेवा व श्रद्धा का महा-संगम है, अतः मिलकर युवा पीढ़ी को गुरु साहिब की अनूठी शहादत से जोड़ने हेतु इस अवसर को एक पुल बनाकर योगदान दें।
दीपक बाली ने बताया कि ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुसार पटियाला में श्री गुरु तेग बहादुर जी ने 3 महीने से अधिक समय बिताया है, इसलिए पटियाला एक गुरु साहिब द्वारा अपनाया गया शहर है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र दिवस को केवल सिख ही नहीं, बल्कि हर पंजाबवासी और पूरी दुनिया श्रद्धा व सम्मान के साथ मना रही है।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए दोनों कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. व तरुणप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य में गुरु साहिब से संबंधित सभी पवित्र स्थलों पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करने के अलावा इन गांवों व शहरों का विकास भी बड़े स्तर पर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस दौरान चार स्थलों से यात्राएं श्री आनंदपुर साहिब के लिए रवाना होंगी, जिनमें गुरदासपुर से माजा, दोआबा से यात्रा सहित मालवा से दो यात्राएं बठिंडा और फरीदकोट से श्री आनंदपुर साहिब के लिए रवाना होंगी, जो प्रदेश के लगभग सभी जिलों व प्रमुख शहरों से होकर श्री आनंदपुर साहिब पहुंचेगी। जबकि 20 नवंबर को बठिंडा से चलने वाली मालवा-2 यात्रा रात में पटियाला पहुंचेगी और विश्राम करेगी।
श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले धार्मिक समारोहों के बारे में तरुणप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि विरासत-ए-खालसा में 23 नवंबर को श्री अखंड पाठ साहिब की आरंभता होगी जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान समेत देश-विदेश की प्रमुख हस्तियां, धार्मिक शख्सियतें शामिल होंगी। इसी दिन विरासत-ए-खालसा में मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी की अतुलनीय शहादत को दर्शाते डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा। मानवता व मानवाधिकारों के रक्षक नौवें पातशाह के शहादत समारोह के अवसर पर सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें सिख इतिहास की जानकारी रखने वाले विद्वान विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने बताया कि 24 नवंबर को एक विधान सभा का विशेष सत्र भी बुलाया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री ने आगे बताया कि इस अवसर पर निहंग सिंहों द्वारा मोहल्ला खालसा प्रदर्शनी की जाएगी। गुरु साहिब के जीवन और शिक्षाओं से संबंधित कवि दरबार, ढाडी, कविशरी कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसी दिन ‘पंज प्यारों’ पार्क में ‘लाइट एंड साउंड और ड्रोन शो’ आयोजित किए जाएंगे। यह शो पंजाब के हर जिले में किया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने बताया कि 25 नवंबर को शाम 7 बजे मिशाल-ए-शहादत की रोशनी में प्रदेश भर की सरकारी इमारतों को गुरु साहिब की शहादत को समर्पित करते हुए रोशन किया जाएगा, इसके लिए संपूर्ण संगत को भी आह्वान किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब में आने वाले संगत के ठहरने के लिए टेंट सिटी और विभिन्न धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए आवागमन हेतु ई-रिक्शा की व्यवस्था होगी। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि 5 सितंबर को आनंदपुर साहिब में रंगरेटे गुरु के बेटे भाई जैता जी की बन रही यादगार का उद्घाटन करके ये कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पंजाब के 23 जिलों में श्री गुरु साहिब के जीवन पर आधारित लाइट एंड साउंड (हिंद दी चादर)/कवि दरबार आयोजित किए जाएंगे। वहीं पंजाब की सभी शैक्षणिक संस्थाओं में श्री गुरु साहिब के जीवन व शहादत संबंधी सेमिनार व चर्चा कार्यक्रम भी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि समारोह में पहुँचने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने की विशेष व्यवस्था की गई है, जैसे उनके रहने के लिए टेंट सिटी, सड़कों की मरम्मत, इमारतों का रंग-रोगन, लाइटिंग आदि की विशेष व्यवस्था की गई है। पंजाब के चार बड़े शहरों – श्री आनंदपुर साहिब, श्री अमृतसर साहिब, बाबा बकाला और पटियाला को पूरी तरह से लाइटिंग के साथ सजाया जाएगा।
इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव ने जिले में गुरु साहिब की पवित्र चरण छोह स्थलों के विकास हेतु बनाई गई योजनाओं समेत आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा कैबिनेट मंत्रियों के साथ साझा की। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में प्राप्त दिशा निर्देशों व आदेशों की पूरी पालना सुनिश्चित की जाएगी।
इस मौके पर मौजूद रहे अन्य अधिकारी: ए.डी.सीज़, एस.पी. पलविंदर सिंह चीमा, जिला प्रधान चेयरमैन मेघ चंद शेरमाजरा, तेजिंदर मेहता, लोकसभा हलका इंचार्ज बलजिंदर सिंह ढिल्लों, वरिष्ठ डिप्टी मेयर हरिंदर कोहली, मार्केट कमेटी चेयरमैन भादसों गुरदीप सिंह, नगर कौंसिलर, व्यापार मंडल व दुकानदार एसोसिएशनों के प्रतिनिधि, एस.डी.एमज़ समेत अन्य विभागों के जिला अधिकारी भी मौजूद थे।






