Indus Water Treaty Suspension के बाद पाकिस्तान (Pakistan) की स्थिति अंतरराष्ट्रीय मंचों पर असहज होती जा रही है। भारत (India) द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में स्थगित करने के बाद पाकिस्तान अब वैश्विक मंचों पर अपनी सफाई देने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में पाकिस्तान का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका (USA) पहुंचा, जहां उसने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि जल विवाद पाकिस्तान के अस्तित्व से जुड़ा मुद्दा है।
पाकिस्तान (Pakistan) इन दिनों Indus Water Treaty को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव में है। पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत (India) ने सिंधु जल समझौते (Indus Water Agreement) को स्थगित करने का फैसला लिया, जिससे पाकिस्तान की हालत राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से कमजोर होती जा रही है। इसी कड़ी में पाकिस्तान का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका (United States) पहुंचा, जहां उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों, संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के प्रतिनिधियों और कई देशों के राजनयिकों के साथ बातचीत की।
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) ने किया, जो हाल में भारत के साथ हुई सैन्य झड़प के बाद राजनयिक समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका के बाद ब्रिटेन (United Kingdom) भी पहुंचा है।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ (The Express Tribune) की खबर के अनुसार, इस नौ सदस्यीय समूह ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और अमेरिकी प्रतिनिधियों से बातचीत में पाकिस्तान का पक्ष रखते हुए कहा कि सिंधु जल विवाद पाकिस्तान की सुरक्षा और अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी (Jalil Abbas Jilani) ने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है – पाकिस्तान शांति चाहता है और सभी मुद्दों का हल संवाद से चाहता है।”
मीडिया से बातचीत करते हुए पाक सांसद खुर्रम दस्तगीर (Khurram Dastgir) ने कहा कि भारत द्वारा संधि को निलंबित करने से पाकिस्तान के 24 करोड़ लोगों की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है और क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान हो रहा है। उन्होंने 1960 की World Bank-mediated संधि को दोबारा लागू करने की अपील की।
भारत ने पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir – POK) में आतंकी ठिकानों पर कड़ी कार्रवाई की थी। इसके जवाब में पाकिस्तान ने सैन्य प्रतिक्रिया दी, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। भारत की स्पष्ट शर्त है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक जल संधि को बहाल नहीं किया जाएगा।
पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह कूटनीतिक कवायद दर्शाती है कि भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को रोकने का फैसला उसके लिए कितना बड़ा झटका है। अब यह देखना बाकी है कि अमेरिका और अन्य वैश्विक ताकतें इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती हैं।






