Punjab 2400 Crore Land Scam : लुधियाना (Ludhiana) में सामने आए 2400 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले (Land Scam) की जांच पर अब गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं, क्योंकि इस मामले में समन भेजने वाले एसएसपी (SSP) को पंजाब सरकार (Punjab Government) ने सस्पेंड कर दिया है। समन कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु (Bharat Bhushan Ashu) को भेजा गया था, जो लुधियाना वेस्ट उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। अब आशु को विजिलेंस जांच का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सूत्रों के अनुसार, एसएसपी और आशु के बीच पुराने संबंध रहे हैं। बताया गया है कि आशु ने इस अफसर को डीएसपी (DSP) के पद पर नियुक्त करवाया था। चुनाव की घोषणा से कुछ ही दिन पहले दोनों के बीच एक मुलाकात हुई थी, जिसके बाद आधिकारिक आदेश के बिना रातों-रात समन भेजा गया। इसे आशु की सहानुभूति जुटाने की रणनीति माना जा रहा है।
यह समन सराभा नगर (Saraba Nagar) में स्कूल की जमीन के दुरुपयोग से जुड़े 2400 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर भेजा गया था। इस मामले में आशु को 6 जून, शुक्रवार को पेश होने का निर्देश दिया गया था। समन डीएसपी विनोद कुमार (DSP Vinod Kumar) द्वारा 4 जून को जारी किया गया था।
कांग्रेस की लीडरशिप ने भी आज फिरोजपुर रोड (Ferozepur Road) स्थित कांग्रेस चुनाव कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। वहीं, इस मामले में अब जांच की रफ्तार धीमी होती नजर आ रही है।
इस पूरे घटनाक्रम पर पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) ने मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि समन भेजकर आम आदमी पार्टी ने यह साबित कर दिया कि वे हार से डरे हुए हैं और अब हर स्तर पर साजिश रच रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यह लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ है और जनता सब देख रही है।
यह मामला 8 जनवरी 2025 का है, जब भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-B (आपराधिक साजिश), 467, 468, 471 (जालसाजी), और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत थाना डिवीजन नंबर 5 (Police Station Division No. 5) में FIR दर्ज की गई थी।
यह मामला लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट (Ludhiana Improvement Trust – LIT) द्वारा सराभा नगर में 4.7 एकड़ जमीन पर नए सीनियर सेकेंडरी स्कूल के संचालन से जुड़ा है। यह ज़मीन केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए दी गई थी, लेकिन जांच में सामने आया कि इस भूमि का कुछ हिस्सा व्यावसायिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। परिसर में कई निजी प्लेवे स्कूल और दुकानें चल रही हैं और स्कूल प्रबंधन भारी किराया वसूल रहा है। इससे 2,400 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का संदेह है।
LIT के अध्यक्ष की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई थी और बाद में जांच को सतर्कता ब्यूरो (Vigilance Bureau) को सौंप दिया गया था।
यह भी उल्लेखनीय है कि आशु पहले भी 2022 में 2,000 करोड़ रुपये के खाद्यान्न परिवहन निविदा घोटाले (Foodgrain Transport Tender Scam) में आरोपी रह चुके हैं। उन पर फर्जी वाहन पंजीकरण और ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप लगे थे, जिसके चलते अगस्त 2022 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, दिसंबर 2024 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) ने उनके खिलाफ दर्ज दोनों आपराधिक मामलों को खारिज कर दिया।







