The News Air- (नई दिल्ली) PM किसान सम्मान निधि योजना की 10वीं क़िस्त 1 जनवरी को किसानों के बैंक खाते में आएगी। मोदी सरकार ने ऐलान कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 जनवरी 2022 को दोपहर 12 बजे पीएम किसान योजना के तहत 10वीं क़िस्त ट्रांसफर करेंगे। किसान अगले 5 दिनों में अपने खाते की E-KYC करा लें क्योंकि बिना इसके आपके खाते में पैसा नहीं आएगा।
किसानों को कराना होगा E-KYC
किसानों को इस बार E-KYC की प्रोसेस भी पूरी करनी होगी। इसके लिए पीएम किसान की ऑफिशियल वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाना होगा और E-KYC का विकल्प चुनना होगा। इसके बाद अपना आधार नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज़ करना होगा। अब आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज़ करने के बाद एक और आधार ओटीपी आएगा। आधार ओटीपी दर्ज़ करने के बाद ये प्रोसेस पूरी हो जाएगी।
ऐसे चेक करें आपका नाम इसमें जुड़ा या नहीं
अगर आपने योजना का फ़ायदा लेने के लिए आवेदन किया है और अब अपना नाम लाभार्थियों की सूची में देखना चाहते हैं तो सरकारी वेबसाइट pmkisan.gov.in पर चेक कर सकते हैं।
PM किसान योजना में सभी किसानों को मिलता है फ़ायदा
शुरुआत में जब पीएम-किसान योजना शुरू की गई थी (फरवरी, 2019), इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों के लिए था। इसमें वो किसान शामिल थे जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की कम्बाइन्ड लैंड होल्डिंग (संयुक्त भूमि) थी। जून 2019 में स्कीम को रिवाइज किया गया और सभी किसान परिवारों के लिए इसे एक्सटेंड कर दिया गया। हालांकि, कुछ किसानों को अभी भी इस योजना से बाहर रखा गया है।
PM-KISAN से बाहर किए गए लोगों में संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पदों पर बैठे किसान परिवार, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और सरकारी स्वायत्त निकाय के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। इनके अलावा डॉक्टर, इंजीनियर और वकील जैसे प्रोफेशनल्स के साथ-साथ 10,000 रुपए से ज़्यादा की मासिक पेंशन वाले रिटायर्ड पेंशनर्स और पिछले असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भरने वालों को भी इस स्कीम से बाहर रखा गया है।
क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना?
इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 2-2 हज़ार रुपए की तीन क़िस्तें साल में (कुल 6000 रुपए) दी ज़ाती हैं। योजना के पात्र लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के ज़रिए भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी और योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से नामित नोडल अधिकारी ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।