BSF Jawan Torture in Pakistan : बीएसएफ (BSF) जवान पूर्णम कुमार शॉ (Purnam Kumar Shaw) की पाकिस्तान से वापसी के बाद उनकी आपबीती ने सभी को झकझोर दिया है। 21 दिनों तक पाकिस्तानी हिरासत में रहने के बाद भारत लौटे शॉ ने अपनी पत्नी रजनी (Rajni) से फोन पर बातचीत में बताया कि कैसे उन्हें पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) ने रात-रातभर जगाकर पूछताछ की। उन्हें जासूस (Spy) समझकर टॉर्चर किया जाता रहा, जिससे वह मानसिक रूप से पूरी तरह थक चुके हैं।
23 अप्रैल को ड्यूटी के दौरान गलती से पंजाब (Punjab) के फिरोजपुर सेक्टर (Firozpur Sector) से पाकिस्तान की सीमा में चले जाने के बाद उन्हें पकड़ा गया था। यह घटना कश्मीर (Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले के ठीक अगले दिन घटी थी। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया था और भारत से किसी प्रकार का संपर्क टूट गया था। केंद्र सरकार ने कूटनीतिक चैनल (Diplomatic Channels) के माध्यम से लगातार दबाव बनाया, जिसके परिणामस्वरूप शॉ की रिहाई संभव हो सकी।
रजनी शॉ ने बताया कि पति ने कहा – उन्हें शारीरिक प्रताड़ना नहीं दी गई, लेकिन मानसिक रूप से तोड़ने की पूरी कोशिश की गई। हर रात उठाकर सवाल किए जाते थे। उन्हें खाने की व्यवस्था तो दी गई, लेकिन दांत साफ करने (Tooth Cleaning) तक की अनुमति नहीं दी गई। उनकी आवाज में थकावट और तनाव साफ झलक रहा था।
रजनी ने आगे बताया कि पूर्णम को तीन अलग-अलग स्थानों (Three Different Locations) पर रखा गया था। उनमें से एक स्थान शायद एयरबेस (Airbase) के पास था क्योंकि वहां हवाई जहाजों की आवाजें आती थीं। यह बदलाव लगातार मानसिक दबाव बढ़ाते जा रहे थे। यह अनुभव उनके लिए काफी कठिन रहा।
रजनी ने गर्व के साथ कहा, “वह पिछले 17 वर्षों (17 Years) से देश की सेवा कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। हम सबको उन पर गर्व है।” उन्होंने यह भी बताया कि यदि उन्हें जल्द छुट्टी नहीं मिलती, तो वह खुद पठानकोट (Pathankot) जाकर मिलने की योजना बना रही हैं।
बुधवार की शाम को अटारी-वाघा सीमा (Attari-Wagah Border) के जरिए बीएसएफ जवान को भारत लाया गया, जहां उनका मेडिकल परीक्षण (Medical Examination) और डिब्रीफिंग (Debriefing) की गई। फिलहाल जवान सुरक्षित हैं और उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है।






