India Pakistan tension : भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के चलते अब अमेरिका (United States) ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों को लाहौर (Lahore) छोड़ने की सलाह दी है। अमेरिकी दूतावास (US Embassy) ने लाहौर स्थित सभी वाणिज्य दूतावास कर्मियों को भी सुरक्षित स्थानों पर रहने का निर्देश दिया है।
अमेरिका ने जारी एडवाइजरी में कहा है कि लाहौर और इसके आसपास के क्षेत्रों में ड्रोन विस्फोटों, गिराए गए ड्रोन और हवाई क्षेत्र में संभावित घुसपैठ की घटनाओं के बाद यह निर्णय लिया गया है। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि लाहौर के मुख्य हवाई अड्डे (Lahore Airport) के आसपास के कुछ इलाकों को खाली किया जा सकता है।
बयान में यह भी कहा गया है कि यदि किसी अमेरिकी नागरिक को ऐसा लगे कि वह खुद को संघर्ष वाले क्षेत्र में पाता है और सुरक्षित रूप से वहां से निकलना संभव है, तो उसे तुरंत ऐसा करना चाहिए। यदि नहीं, तो उसे किसी सुरक्षित स्थान पर रहना चाहिए। अमेरिका ने यह भी बताया है कि पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास, स्मार्ट ट्रैवलर एनरोलमेंट प्रोग्राम (STEP) के माध्यम से लगातार अपडेट भेजेंगे। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे इस प्रोग्राम में पंजीकृत रहें।
इस पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में पहलगाम (Pahalgam) हमला है, जिसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। जवाब में पाकिस्तान ने एलओसी (LoC) पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी और चंडीगढ़ (Chandigarh), अमृतसर (Amritsar) समेत भारत के 15 सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिसे भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया।
जवाबी कार्रवाई में भारत ने लाहौर (Lahore), सियालकोट (Sialkot) जैसे शहरों में ड्रोन हमले किए, जिससे पाकिस्तान में अफरा-तफरी मच गई। लाहौर स्थित पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली को भारत ने निशाना बनाते हुए पूरी तरह नष्ट कर दिया।
यह घटना न केवल भारत-पाक तनाव को वैश्विक स्तर पर उजागर कर रही है बल्कि यह भी दिखाती है कि अमेरिका जैसे देशों ने स्थिति को कितना गंभीर मान लिया है। अमेरिकी नागरिकों को सीधे तौर पर चेतावनी देना इस बात का संकेत है कि दक्षिण एशिया में हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं।






