Ceasefire Violation at LoC : जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से सीजफायर वॉयलेशन (Ceasefire Violation) की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है और उसी के बाद से नियंत्रण रेखा (LoC – Line of Control) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB – International Border) पर बिना उकसावे के पाकिस्तानी गोलीबारी हो रही है। यह लगातार आठवीं रात थी जब पाकिस्तानी सैनिकों ने एलओसी के पास गोलियां चलाईं।
कुपवाड़ा (Kupwara), बारामूला (Baramulla), पुंछ (Poonch), नौशेरा (Nowshera) और अखनूर (Akhnoor) क्षेत्रों में पाकिस्तानी चौकियों से छोटे हथियारों से फायरिंग की गई, जिसका भारतीय सेना ने सटीक जवाब दिया। जम्मू (Jammu) में तैनात एक रक्षा प्रवक्ता ने जानकारी दी कि यह फायरिंग एक और दो मई की दरमियानी रात को हुई।
शुरुआती गोलीबारी उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा और बारामूला जिलों में हुई, जो बाद में पुंछ (Poonch) और अखनूर (Akhnoor) तक फैल गई। उसके पश्चात राजौरी (Rajouri) जिले के सुंदरबनी (Sunderbani) और नौशेरा सेक्टर में भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया। इसके अलावा जम्मू जिले के परगवाल सेक्टर (Pargwal Sector) में भी गोलीबारी की गई।
इससे परेशान होकर एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों ने अपने निजी और सामुदायिक बंकर (Private and Community Bunkers) की सफाई शुरू कर दी है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में वहां शरण ली जा सके।
भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs – Director Generals of Military Operations) के बीच हाल ही में हुई हॉटलाइन बातचीत में भारत ने चेतावनी दी थी, फिर भी पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग रुक नहीं रही है। 24 अप्रैल की रात से जब भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को निलंबित किया, उसके कुछ घंटों बाद से पाकिस्तान ने फिर से गोलीबारी शुरू कर दी।
2017 में केंद्र सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में 14,460 बंकरों के निर्माण की मंजूरी दी थी। सांबा (Samba), कठुआ (Kathua), राजौरी (Rajouri), जम्मू (Jammu) और पुंछ (Poonch) जिलों में 8,600 से अधिक बंकर बनकर तैयार हो चुके हैं।
इस समय आरएस पुरा (RS Pura) और अरनिया (Arnia) सेक्टर में फसलों की कटाई पूरी हो चुकी है, जबकि कठुआ, सांबा, राजौरी और पुंछ जिलों में यह प्रक्रिया अभी भी जारी है, जिससे इन इलाकों के किसानों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बनी हुई है।
पाकिस्तान की इस नापाक हरकत से सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग दहशत में हैं और सुरक्षा को लेकर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।






