चंडीगढ़, 17 मार्च (The News Air) पंजाब विधानसभा के स्पीकर स कुलतार सिंह संधवां ने भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को एक अर्ध-सरकारी पत्र लिखकर उनका ध्यान नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एन.सी.ई.आर.टी.), नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित पंजाबी पाठ्यपुस्तक “पंजाबी प्राइमर” (पंजाबी काईदा) में मौजूद कई गलतियों की ओर दिलाया है। यह पुस्तक बालवाटिका/आंगनवाड़ी स्तर के बच्चों और वयस्क साक्षरता कार्यक्रमों के लिए तैयार की गई है, जिसमें स्पेलिंग और तथ्यों, विशेष रूप से पंजाबी वर्णमाला के प्रकाशन में कई त्रुटियां हैं।
उन्होंने बताया कि उक्त पुस्तक में सबसे बड़ी गलतियों में से एक यह है कि पंजाबी वर्णमाला को सही क्रम “ਓ” (ओ) से शुरू करने के बजाय गलत तरीके से “ਅ” (अ) से शुरू किया गया है। इस प्रकार की बुनियादी गलतियां न केवल युवा छात्रों को भ्रमित करती हैं, बल्कि वयस्क साक्षरता अभियानों की प्रभावशीलता को भी कमजोर कर देती हैं। स संधवां ने कहा कि यह आवश्यक है कि शैक्षिक सामग्री, विशेष रूप से बुनियादी शिक्षा के लिए तैयार की गई सामग्री, में शुद्धता और प्रमाणिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा जाए।
उन्होंने भारत सरकार के शिक्षा मंत्री से अपील की कि पंजाबी भाषा के योग्य विशेषज्ञों और विद्वानों से इस पाठ्यपुस्तक की तुरंत समीक्षा और संशोधन करवाया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विद्यार्थियों को सही और विश्वसनीय सामग्री मिले। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस प्रकार की गलतियों को रोकने के लिए सभी आगामी प्रकाशनों के लिए एक सख्त संपादकीय और गुणवत्ता-जांच प्रक्रिया स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है।
स्पीकर संधवां ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे देश में बुनियादी शिक्षा और साक्षरता कार्यक्रमों की सफलता के लिए त्रुटि-मुक्त अध्ययन सामग्री सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस मामले का जल्द से जल्द समाधान करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील भी की।