The News Air – (चंडीगढ़) शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल आज डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा के गृह क्षेत्र डेरा बाबा नानक में थे, यहां पर उन्होंने एक जनसभा रखी हुई थी, जिसमें अकाली दल के उम्मीदवार रवि किरण सिंह काहलों भी मौजूद थे। इसी दौरान मंच पर एक बुज़ुर्ग वक्ता टकसाली अकाली मोहन सिंह पखोके आए।
उन्होंने सुखबीर बादल को मंच से संबोधित करते हुए कहा कि वह डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा को हरा देगें, लेकिन उसके लिए उनकी कुछ शर्तें हैं। पहली शर्त कि यदि सुखजिंदर सिंह रंधावा को 20 हज़ार मतों से हराया तो हमारे उम्मीदवार को फिर ओहदा भी रंधावा के बराबर का चाहिए, यानी डिप्टी सीएम के साथ-साथ गृह मंत्रालय, सहकारिता और जेल मंत्रालय चाहिए।
यदि 15 हज़ार जीत का मार्जन रहा तो सहकारिता और जेल मंत्रालय अन्यथा जेल मंत्रालय तो पक्का ही चाहिए। कांग्रेस की इतनी बड़ी विकेट गिरानी है तो उसकी एवज़ में इनाम भी तो फिर वैसा ही चाहिए। पखोके की शर्तों को सुनने के बाद हालांकि सुखबीर ने कोई जवाब तो नहीं दिया, लेकिन अपने सबसे बड़े धुर विरोधी के बारे में शर्तों को सुनकर वह अंदर की ख़ुशी को बाहर लाकर मुस्कुरा जरुर दिए….काश ऐसा हो।
पड़ सकती है नई परंपरा
जिस तरह से टकसाली अकाली नेता मोहन सिंह पखोके ने सुखबीर बादल के आगे जीत के बाद रंधावा के बराबर के पद की शर्त रखी है, इससे अब पंजाब में एक नई परंपरा पड़ सकती है। बाक़ी जगहों पर भी अन्य पार्टियों में ऐसी शर्तें उठ सकती हैं कि जिस क़द और पद के नेता को हराना है, जीतने वाले को भी फिर सत्ता में आने पर वैसा ही पद और क़द चाहिए। इसके पीछे तर्क है कि वह क्षेत्र में उसी स्तर के काम भी तभी करवा पाएगा, यदि उसके पास वैसी ही पावर होगी।
रंधावा से है छत्तीस का आंकड़ा
बादल परिवार और मजीठिया फैमिली से डिप्टी सीएम का छत्तीस का आंकड़ा है। सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया राजनीतिक तौर पर ही नहीं, बल्कि निजी तौर पर भी एक दूसरे के आमने-सामने हो चुके हैं। अभी कुछ दिन पहले रंधावा निजी तौर पर सुखबीर के बारे में टिप्पणी कर चुके हैं कि वह उन्हें जेल में डालेंगे, जबकि मजीठिया के बारे में तो कई बार बहुत कुछ बोल चुके हैं। मजीठिया ने अभी हाल ही में आरोप लगाया था कि गैंगस्टरों से उनके घर की रेकी करवाई गई थी। मजीठिया पहले भी रंधावा पर गैंगस्टरों से मिले होने के आरोप लगा चुके हैं।