AAP Crisis : दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections 2025) से महज 5 दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के 8 मौजूदा विधायकों ने शुक्रवार शाम अचानक इस्तीफा दे दिया। कुछ ही घंटों में इन सभी विधायकों ने न केवल अपनी सीट बल्कि पार्टी से भी नाता तोड़ने की घोषणा कर दी।
इस्तीफा देने वाले विधायक कौन-कौन हैं?
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त्रिलोकपुरी (Trilokpuri) – रोहित कुमार महरौलिया
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मादीपुर (Madipur) – गिरीश सोनी
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जनकपुरी (Janakpuri) – राजेश ऋषि
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पालम (Palam) – भावना गौड़
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कस्तूरबा नगर (Kasturba Nagar) – मदनलाल
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महरौली (Mehrauli) – नरेश यादव
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आदर्श नगर (Adarsh Nagar) – पवन कुमार शर्मा
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बिजवासन (Bijwasan) – बीएस जून
इनमें से कई विधायक अन्ना आंदोलन (Anna Movement) के वक्त से अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के साथ जुड़े हुए थे।
अचानक इस्तीफा क्यों?
इन सभी विधायकों का टिकट करीब एक महीने पहले ही काट दिया गया था, लेकिन उन्होंने इतने दिनों तक चुप्पी साधे रखी। अब सवाल यह है कि आखिर सभी ने एक ही दिन इस्तीफा क्यों दिया? पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों के बीच पहले से ही चर्चा चल रही थी और शुक्रवार को विधानसभा परिसर में हुई बैठक के बाद सभी ने एकमत होकर पार्टी छोड़ने का फैसला किया।
त्रिलोकपुरी से विधायक रोहित कुमार महरौलिया ने बातचीत में बताया कि पार्टी अपने रास्ते से भटक गई है और अब इसमें बने रहने का कोई मतलब नहीं है। मादीपुर से विधायक रहे गिरीश सोनी ने भी इस बात की पुष्टि की कि यह फैसला पूरी तरह सामूहिक रूप से लिया गया है।
‘आप’ ने भाजपा पर लगाया आरोप
आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन इस्तीफों के पीछे भारतीय जनता पार्टी (BJP) का हाथ होने का आरोप लगाया है। पार्टी का दावा है कि भाजपा लगातार ‘आप’ विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही थी और यह उसी साजिश का नतीजा है। हालांकि, इस्तीफा देने वाले विधायकों ने किसी भी राजनीतिक दल से संपर्क होने की बात से इनकार किया है।
क्या होगा अगला कदम?
अब सवाल यह है कि ये 8 विधायक भाजपा (BJP) या कांग्रेस (Congress) में शामिल होंगे या फिर तटस्थ रहेंगे? इस्तीफा देने वाले विधायकों का कहना है कि इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। रोहित कुमार महरौलिया ने कहा कि अभी तक उनका किसी भी दल से संपर्क नहीं हुआ है और भविष्य की रणनीति पर जल्द फैसला लिया जाएगा।
चुनाव से पहले ‘आप’ के लिए झटका
दिल्ली चुनाव से ठीक पहले इस तरह के इस्तीफे आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी इस संकट से उबर पाती है या नहीं।






