वाशिंगटन (Washington): पृथ्वी एक बार फिर अंतरिक्ष की एक विशाल चुनौती का सामना करने जा रही है। 2025 AY2, जो कि एयरप्लेन जितना बड़ा एस्टेरॉयड (Asteroid) है, आज धरती के करीब से गुजरने वाला है। नासा (NASA) की रिपोर्ट के अनुसार, यह एस्टेरॉयड 220 फीट बड़ा है और लगभग 83,788 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है।
हालांकि, धरती और इस एस्टेरॉयड के बीच की दूरी करीब 67.90 लाख किलोमीटर होगी। अंतरिक्ष के पैमाने पर यह दूरी बहुत कम मानी जाती है। नासा के अनुसार, कोई भी एस्टेरॉयड जो 80 लाख किलोमीटर या उससे कम दूरी पर गुजरता है, वह पृथ्वी के लिए “संभावित खतरनाक” (Potentially Hazardous) माना जाता है।
नासा और जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी का अपडेट : नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (Jet Propulsion Laboratory) ने इस एस्टेरॉयड की खोज की है। वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि इस बार पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं होगा। फिर भी, इस चट्टानी संरचना पर लगातार नजर रखी जा रही है।
यदि भविष्य में कोई एस्टेरॉयड अपनी कक्षा बदलकर पृथ्वी से टकराता है, तो यह बड़े पैमाने पर तबाही ला सकता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि 6.6 करोड़ साल पहले एक एस्टेरॉयड के कारण डायनासोर (Dinosaurs) का विनाश हुआ था।
एस्टेरॉयड क्या होते हैं? : एस्टेरॉयड को लघु ग्रह (Minor Planets) भी कहा जाता है। नासा के अनुसार, ये चट्टानी संरचनाएं हमारे सौरमंडल के निर्माण के समय बची हुई सामग्री से बनी हैं।
- यह सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
- अब तक 11 लाख से ज्यादा एस्टेरॉयड खोजे जा चुके हैं।
एस्टेरॉयड की गति और आकार के आधार पर वैज्ञानिक उन्हें मॉनिटर करते हैं। हाल ही में जर्मनी (Germany) के आसमान में एक एस्टेरॉयड वायुमंडल में प्रवेश के बाद जलकर खत्म हो गया था।
अंतरिक्ष में खतरों का इतिहास
- डायनासोर का विनाश (Dinosaur Extinction): वैज्ञानिकों का मानना है कि करीब 6.6 करोड़ साल पहले एक एस्टेरॉयड ने पृथ्वी से टकराकर डायनासोर की प्रजाति को खत्म कर दिया।
- पिछला साल: जर्मनी में देखा गया एक एस्टेरॉयड वायुमंडल में प्रवेश के बाद जलकर राख हो गया।
हालांकि 2025 AY2 पृथ्वी के लिए सीधा खतरा नहीं है, लेकिन यह याद दिलाता है कि अंतरिक्ष में हमारी सुरक्षा कितनी संवेदनशील है। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां लगातार इन खतरों पर नजर बनाए रखती हैं। एस्टेरॉयड जैसे खगोलीय पिंडों के अध्ययन से हमें भविष्य में ऐसे संभावित खतरों से निपटने में मदद मिल सकती है।