कनाडा, 16 जनवरी (The News Air) कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा है कि वह आगामी चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। यह घोषणा ऐसे समय पर आई है, जब लिबरल पार्टी (Liberal Party) को विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
6 जनवरी को ओटावा (Ottawa) में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रूडो ने कहा, “यह मेरा खुद का फैसला है। मैं अब राजनीति से संन्यास ले रहा हूं और अगले चुनाव में हिस्सा नहीं लूंगा।”
नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू : ट्रूडो ने यह भी बताया कि लिबरल पार्टी का नया नेता 9 मार्च 2025 को चुना जाएगा। इसके लिए इच्छुक उम्मीदवारों को 23 जनवरी तक आवेदन करना होगा। प्रमुख दावेदारों में मार्क कार्नी (Mark Carney) और क्रिस्टिया फ्रीलैंड (Chrystia Freeland) के नाम सामने आ रहे हैं।
हालांकि, विदेश मंत्री मेलानी जोली (Mélanie Joly) और रक्षा मंत्री अनिता आनंद (Anita Anand) जैसे बड़े नेताओं ने नेतृत्व की दौड़ में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
2015 में ट्रूडो का उदय और 2024 में गिरावट : जस्टिन ट्रूडो ने 2015 में शानदार जीत दर्ज कर पहली बार प्रधानमंत्री पद संभाला था। उनकी लिबरल पार्टी ने उस समय 338 में से 184 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन 2019 और 2021 के चुनावों में वह बहुमत हासिल करने में नाकाम रहे।
2024 के अंत तक, लिबरल पार्टी का समर्थन 20% से नीचे आ गया, जिससे पार्टी में असंतोष बढ़ गया। वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे और 100 सांसदों द्वारा ट्रूडो के इस्तीफे की मांग ने पार्टी को संकट में डाल दिया।
कौन होंगे अगले लिबरल नेता? : अब तक इंडो-कनाडाई सांसद चंद्र आर्या (Chandra Arya) ने औपचारिक रूप से अपनी दावेदारी पेश की है।
हालांकि, प्रमुख उम्मीदवारों में माने जा रहे मार्क कार्नी (पूर्व बैंक ऑफ कनाडा गवर्नर) और क्रिस्टिया फ्रीलैंड (पूर्व उपप्रधानमंत्री) के नाम सबसे आगे हैं।
कनाडा की राजनीति पर असर
- कंजर्वेटिव पार्टी को बढ़त: लिबरल पार्टी, कंजर्वेटिव पार्टी से 25% अंकों से पीछे चल रही है।
- लिबरल पार्टी की चुनौतियां: नए नेतृत्व के साथ पार्टी को जनता का विश्वास वापस पाने के लिए एक नई रणनीति बनानी होगी।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव: ट्रूडो के संन्यास के बाद कनाडा-अमेरिका संबंधों और वैश्विक मंच पर कनाडा की भूमिका में बदलाव देखने को मिल सकता है।
ट्रूडो का राजनीतिक सफर
- 2008 में शुरुआत: क्यूबेक (Quebec) के पापिनो निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए।
- 2015 की जीत: कनाडा में युवा और प्रगतिशील नेतृत्व के प्रतीक बने।
- महत्वपूर्ण उपलब्धियां: जलवायु परिवर्तन, आव्रजन नीतियों और समानता के मुद्दों पर बड़े कदम।
- चुनौतियां: 2024 में घटता जनसमर्थन और पार्टी में आंतरिक विवाद।
जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा कनाडा की राजनीति में एक बड़ा मोड़ लाएगा। जहां एक तरफ लिबरल पार्टी को नए नेतृत्व के साथ पुनर्गठन करना होगा, वहीं विपक्षी दलों को मजबूत बढ़त का मौका मिलेगा। ट्रूडो का यह फैसला न केवल कनाडा बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी असर डालेगा।
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