नई दिल्ली, 16 जनवरी (The News Air) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष में खेती को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। 30 दिसंबर 2024 को ISRO द्वारा भेजे गए लोबिया (Black-eyed Pea) के बीज अंतरिक्ष में अंकुरित हो गए हैं। यह प्रयोग ISRO के CROPS (Crop Research in Outer Planetary Systems) प्रोजेक्ट के तहत किया गया।
अंतरिक्ष में खेती का यह प्रयास मंगल और चांद जैसे ग्रहों पर इंसानों के जीवन को संभव बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में लंबे अंतरिक्ष मिशन के लिए ऐसी तकनीकें बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी।
अंतरिक्ष में पौधे उगाने की जरूरत क्यों है?
- ऑक्सीजन की आपूर्ति: पौधे प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के जरिए ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो अंतरिक्ष यानों में सांस लेने योग्य वातावरण बनाए रखने में मदद करेगा।
- ताजा भोजन: अंतरिक्ष यात्राओं के दौरान ताजा और पौष्टिक भोजन की जरूरत को पूरा करने के लिए पौधे उगाना जरूरी है।
- विटामिन की कमी दूर करना: प्री-पैकेज्ड भोजन में समय के साथ पोषक तत्व टूटने लगते हैं। पौधों से मिलने वाले ताजे विटामिन लंबी यात्राओं के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत बनाए रख सकते हैं।
- मनोवैज्ञानिक लाभ: हरे-भरे पौधों का देखभाल करना अंतरिक्ष यात्रियों को मानसिक तनाव से राहत देने में भी सहायक हो सकता है।
अंतरिक्ष में पौधे उगाने की चुनौतियां
- माइक्रोग्रैविटी (Microgravity): गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण पौधों की जड़ें नीचे की ओर नहीं बढ़ पातीं।
- पानी और पोषक तत्वों की आपूर्ति: पानी माइक्रोग्रैविटी में किसी भी सतह से चिपक जाता है, जिससे पौधों को सही मात्रा में पानी और पोषक तत्व मिलाना कठिन हो जाता है।
- तापमान में बदलाव: अंतरिक्ष में तापमान सैकड़ों डिग्री ऊपर-नीचे हो सकता है। ऐसे में पौधों को स्थिर तापमान प्रदान करना चुनौतीपूर्ण होता है।
- प्रकाश का अभाव: अंतरिक्ष में सूर्य के प्रकाश की जगह पर कृत्रिम लाइट्स का उपयोग करना पड़ता है, जो पौधों की वृद्धि को प्रभावित कर सकता है।
ISRO का CROPS प्रोजेक्ट: कैसे उगाए गए लोबिया? : ISRO ने अंतरिक्ष में पौधे उगाने के लिए एक विशेष CROPS बॉक्स तैयार किया। यह बॉक्स एक मिनी ग्रीनहाउस की तरह काम करता है, जिसमें निम्नलिखित विशेषताएं थीं:
- मिट्टी का चयन: ISRO ने विशेष उच्च छिद्रता वाली मिट्टी का उपयोग किया, जो पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित कर सकती है।
- प्रकाश व्यवस्था: पौधों के प्रकाश संश्लेषण के लिए चार गर्म और चार ठंडे LED लाइट्स का उपयोग किया गया। इन्हें 16 घंटे चालू और 8 घंटे बंद रखा गया, ताकि दिन-रात का माहौल बनाया जा सके।
- उर्वरक और पानी: धीमी गति से रिलीज होने वाले उर्वरक और नियंत्रित पानी की आपूर्ति के जरिए पौधों की वृद्धि सुनिश्चित की गई।
अंतरिक्ष में कौन-कौन से पौधे उगाए जा सकते हैं?
- लेट्यूस (Lettuce) और पालक (Spinach): तेजी से बढ़ने वाले और पोषक तत्वों से भरपूर।
- बीन (Beans) और मटर (Peas): प्रोटीन युक्त और मिट्टी में नाइट्रोजन फिक्स करने वाले।
- केले (Banana): कम जगह में उगने वाले पौष्टिक फल।
- टमाटर और स्ट्रॉबेरी (Tomato and Strawberry): छोटे आकार के लेकिन विटामिन से भरपूर।
अंतरिक्ष में पौधे उगाने के तरीके
- हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponics): पानी और पोषक तत्वों के घोल में पौधे उगाना।
- एरोपोनिक्स (Aeroponics): बिना मिट्टी के हवा और पोषक तत्वों के मिश्रण से पौधे उगाना।
- लाभ: पानी की खपत 98% तक कम, उर्वरक की खपत 60% तक कम।
ISRO का यह प्रयोग अंतरिक्ष में मानव अस्तित्व को संभव बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सिर्फ विज्ञान की उन्नति नहीं बल्कि पृथ्वी पर बढ़ती आबादी और खाद्य संकट का समाधान खोजने का भी प्रयास है। अंतरिक्ष में पौधे उगाने की यह पहल मंगल और चांद पर इंसानी बस्तियों के सपने को साकार करने में मदद कर सकती है।
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