चंडीगढ़, 08 जनवरी (The News Air): चंडीगढ़ में सलाहकार की जगह चीफ सेक्रेटरी (Chief Secretary) नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस फैसले का सख्त विरोध करते हुए इसे पंजाब के अधिकारों पर हमला बताया।
AAP का तीखा विरोध : AAP पंजाब के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नील गर्ग (Neel Garg) ने बुधवार को चंडीगढ़ पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा, “मुख्य सचिव की नियुक्ति सिर्फ राज्यों में होती है। चंडीगढ़ न तो राज्य है और न ही यहां कोई मुख्यमंत्री है। फिर चीफ सेक्रेटरी की जरूरत क्यों पड़ गई?” उन्होंने इसे केंद्र का पंजाब विरोधी रवैया करार दिया और कहा कि पंजाब के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार : नील गर्ग ने कहा, “1966 में पंजाब-हरियाणा के विभाजन के दौरान यह स्पष्ट किया गया था कि चंडीगढ़ अस्थायी तौर पर केंद्र शासित प्रदेश रहेगा। हरियाणा के लिए नई राजधानी बनने के बाद इसे पंजाब को सौंप दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ को पंजाब के 27 गांवों को उजाड़कर बनाया गया था। इस ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि को देखते हुए, केंद्र सरकार को कोई भी फैसला लेने से पहले पंजाब सरकार से परामर्श करना चाहिए।
केंद्र सरकार के फैसलों पर सवाल : AAP प्रवक्ता ने कहा कि कुछ महीने पहले केंद्र ने चंडीगढ़ में हरियाणा को विधानसभा के लिए 10 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन AAP और पंजाब के लोगों के विरोध के चलते उस पर रोक लगी। इसी तरह, बीबीएमबी (BBMB) की नियुक्तियों में पंजाब के हक को नजरअंदाज किया गया। पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) में सीनेट चुनाव में भी देरी हो रही है।
पानी और समझौतों पर डाका : गर्ग ने कहा, “1985 में हुए राजीव गांधी-लौंगोवाल समझौते (Rajiv Gandhi-Longowal Agreement) में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि चंडीगढ़ पंजाब को सौंपा जाएगा। लेकिन 38 साल बाद भी केंद्र ने यह वादा पूरा नहीं किया। पंजाब के पानी पर भी लगातार डाका डाला जा रहा है।”
कांग्रेस और अकाली दल पर निशाना : नील गर्ग ने कांग्रेस और अकाली दल को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि 1966 से लेकर 1995 तक कई बार कांग्रेस और अकाली दल सत्ता में रहे, लेकिन किसी ने चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा, “चाहे इंदिरा गांधी हों, ज्ञानी जैल सिंह हों, या प्रकाश सिंह बादल—सभी नेताओं ने पंजाब के साथ अन्याय किया।”
पंजाब के अधिकारों की रक्षा की अपील : AAP प्रवक्ता ने सभी पार्टियों से इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह पंजाब के अधिकारों की लड़ाई है। हमें इसे पूरी ताकत से लड़ना होगा। पंजाब के हक के लिए डटकर खड़ा होना अब हमारी प्राथमिकता है।”